मॉल में फूड कोर्ट और थियेटर टॉप फ्लोर पर क्यों होते हैं? वजह जानकर रह जाएंगे हैरान
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मॉल घूमना हर किसी को पसंद होता है। एक ही जगह पर शॉपिंग, खाने-पीने और एंटरटेनमेंट सब कुछ मिल जाए तो मजा ही आ जाता है। लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि मॉल में हमेशा थियेटर और फूड कोर्ट ऊपर वाली मंज़िल यानी टॉप फ्लोर पर ही क्यों होते हैं? यह सिर्फ जगह की बात नहीं है बल्कि इसके पीछे एक खास सोच और बिजनेस ट्रिक भी छिपी है।
थियेटर के लिए चाहिए बड़ी जगह
मूवी थियेटर बनाने के लिए बहुत बड़ी जगह की जरूरत होती है। मॉल की निचली मंज़िलों पर पहले से ही कई दुकानों और ब्रांड आउटलेट्स को जगह दी जाती है। ऐसे में थियेटर के लिए बड़ा स्पेस सिर्फ टॉप फ्लोर पर ही मिल पाता है। यही वजह है कि ज्यादातर मॉल में सिनेमा हॉल ऊपर ही बनाए जाते हैं।
बिजनेस बढ़ाने की चालाकी
थियेटर को टॉप फ्लोर पर बनाने के पीछे एक और बड़ा कारण है। जब लोग फिल्म देखने जाते हैं तो उन्हें वहां तक पहुंचने के लिए पूरे मॉल से गुजरना पड़ता है। रास्ते में कई दुकानें और ब्रांड्स आते हैं, जिनमें से कुछ पर लोग खरीदारी कर लेते हैं। अगर थियेटर नीचे बना हो तो लोग सीधे फिल्म देखकर निकल जाएंगे और मॉल का बाकी बिजनेस प्रभावित होगा।
फूड कोर्ट क्यों होता है ऊपर?
थियेटर की तरह फूड कोर्ट भी ज्यादातर टॉप फ्लोर पर ही होता है। इसका कारण भी जगह और बिजनेस दोनों हैं। फूड कोर्ट में बैठने की व्यवस्था, किचन और कई आउटलेट्स को जगह चाहिए होती है। इसके लिए सबसे सही जगह टॉप फ्लोर होती है।
विज़िटर्स का मूवमेंट बढ़ाने की स्ट्रेटजी
जब लोग खाने के लिए ऊपर जाते हैं तो रास्ते में उन्हें कपड़ों की दुकानें, इलेक्ट्रॉनिक्स शोरूम और दूसरे आउटलेट्स दिखते हैं। ऐसे में उनके खरीदारी करने की संभावना बढ़ जाती है। यह एक स्मार्ट स्ट्रेटजी है जिससे मॉल के बाकी शॉप्स का सेल भी बढ़ता है।
निचला हिस्सा क्यों होता है खास
मॉल के निचले हिस्से यानी ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर पर आमतौर पर बड़े-बड़े ब्रांड्स, कपड़ों की दुकानें और शोरूम होते हैं। ये वह जगह है जहां विज़िटर्स सबसे पहले आते हैं और यहां पर ज्यादा भीड़ रहती है। इसलिए ऊपरी फ्लोर को एंटरटेनमेंट और खाने के लिए डिजाइन किया जाता है।
तो अब जब भी आप मॉल जाएंगे और ऊपर जाकर फिल्म देखेंगे या फूड कोर्ट में खाना खाएंगे, तो याद रखिएगा कि इसके पीछे सिर्फ जगह की कमी नहीं बल्कि बिजनेस और साइकोलॉजी की प्लानिंग भी है। यही वजह है कि मॉल में टॉप फ्लोर हमेशा सबसे खास माना जाता है।
थियेटर के लिए चाहिए बड़ी जगह
मूवी थियेटर बनाने के लिए बहुत बड़ी जगह की जरूरत होती है। मॉल की निचली मंज़िलों पर पहले से ही कई दुकानों और ब्रांड आउटलेट्स को जगह दी जाती है। ऐसे में थियेटर के लिए बड़ा स्पेस सिर्फ टॉप फ्लोर पर ही मिल पाता है। यही वजह है कि ज्यादातर मॉल में सिनेमा हॉल ऊपर ही बनाए जाते हैं।
बिजनेस बढ़ाने की चालाकी
थियेटर को टॉप फ्लोर पर बनाने के पीछे एक और बड़ा कारण है। जब लोग फिल्म देखने जाते हैं तो उन्हें वहां तक पहुंचने के लिए पूरे मॉल से गुजरना पड़ता है। रास्ते में कई दुकानें और ब्रांड्स आते हैं, जिनमें से कुछ पर लोग खरीदारी कर लेते हैं। अगर थियेटर नीचे बना हो तो लोग सीधे फिल्म देखकर निकल जाएंगे और मॉल का बाकी बिजनेस प्रभावित होगा।
फूड कोर्ट क्यों होता है ऊपर?
थियेटर की तरह फूड कोर्ट भी ज्यादातर टॉप फ्लोर पर ही होता है। इसका कारण भी जगह और बिजनेस दोनों हैं। फूड कोर्ट में बैठने की व्यवस्था, किचन और कई आउटलेट्स को जगह चाहिए होती है। इसके लिए सबसे सही जगह टॉप फ्लोर होती है।
विज़िटर्स का मूवमेंट बढ़ाने की स्ट्रेटजी
जब लोग खाने के लिए ऊपर जाते हैं तो रास्ते में उन्हें कपड़ों की दुकानें, इलेक्ट्रॉनिक्स शोरूम और दूसरे आउटलेट्स दिखते हैं। ऐसे में उनके खरीदारी करने की संभावना बढ़ जाती है। यह एक स्मार्ट स्ट्रेटजी है जिससे मॉल के बाकी शॉप्स का सेल भी बढ़ता है।
निचला हिस्सा क्यों होता है खास
मॉल के निचले हिस्से यानी ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर पर आमतौर पर बड़े-बड़े ब्रांड्स, कपड़ों की दुकानें और शोरूम होते हैं। ये वह जगह है जहां विज़िटर्स सबसे पहले आते हैं और यहां पर ज्यादा भीड़ रहती है। इसलिए ऊपरी फ्लोर को एंटरटेनमेंट और खाने के लिए डिजाइन किया जाता है।
तो अब जब भी आप मॉल जाएंगे और ऊपर जाकर फिल्म देखेंगे या फूड कोर्ट में खाना खाएंगे, तो याद रखिएगा कि इसके पीछे सिर्फ जगह की कमी नहीं बल्कि बिजनेस और साइकोलॉजी की प्लानिंग भी है। यही वजह है कि मॉल में टॉप फ्लोर हमेशा सबसे खास माना जाता है।
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