पंजाब में बाढ़ की स्थिति: 1,300 से ज्यादा गांव प्रभावित, बचाव कार्य जारी
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उत्तर भारत में जारी भारी बारिश ने कई राज्यों में अलर्ट की स्थिति पैदा कर दी है, लेकिन पंजाब पर इसका सबसे अधिक असर हुआ है। लगातार बारिश और नदियों में आए उफान ने राज्य को एक गंभीर प्राकृतिक आपदा की चपेट में ला दिया है। सरकार ने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनमें शिक्षण संस्थानों को बंद करने से लेकर बड़े पैमाने पर राहत अभियान चलाना शामिल है।
बारिश का कहर: शैक्षिक गतिविधियां थमीं
पंजाब में पिछले 24 घंटों से जारी भारी बारिश ने स्कूलों, कॉलेजों और पॉलिटेक्निक संस्थानों को 3 सितंबर 2025 तक बंद करने का कारण बना दिया है। शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने सोशल मीडिया पर घोषणा की, "Due to continuous heavy rainfall across Punjab since last night, all colleges, universities, and polytechnic institutes will also remain closed till 3rd September 2025." उन्होंने हॉस्टल में रहने वाले छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी संस्थानों पर डाली और लोगों से स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी। सतलुज, ब्यास और रावी नदियों का जलस्तर हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के कारण बढ़ गया है, जिससे गुरदासपुर, पठानकोट, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर जैसे जिले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इन क्षेत्रों में 800 से अधिक गांव जलमग्न हो गए हैं, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
बाढ़ से प्रभावित इलाकों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), सेना, सीमा सुरक्षा बल (BSF), पंजाब पुलिस और जिला प्रशासन की टीमें युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। पंजाब पुलिस ने विशेष रूप से वाहन चालकों के लिए सलाह जारी की है, जिसमें उन्हें सतर्क रहने और पानी भरे इलाकों में सावधानी से गाड़ी चलाने के लिए कहा गया है। इसके अलावा, बीएसएफ भी फिरोजपुर के बाढ़ प्रभावित गांवों में परिवारों को पीने के पानी सहित आवश्यक राहत सामग्री पहुंचा रही है।
पंजाब पुलिस ने भारी बारिश के बीच ड्राइवरों और आम नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
ड्राइविंग से जुड़े मुख्य सुझाव:
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर 60,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता की मांग की है। साथ ही, प्रभावित किसानों को प्रति एकड़ ₹50,000 मुआवज़ा देने की घोषणा भी की गई है।
भविष्य की चिंताएं और सलाह
IMD के अनुसार, 2 सितंबर के बाद मानसून की गतिविधि में कमी आने की संभावना है, लेकिन 18-20 सितंबर के आसपास फिर से बारिश हो सकती है। इस बीच, पंजाब के निवासियों से अपील की गई है कि वे अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें और स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें। बाढ़ से प्रभावित किसानों और ग्रामीण परिवारों की आजीविका पर गहरा असर पड़ा है, जिसके लिए मुआवजे की मांग तेज हो गई है।
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बारिश का कहर: शैक्षिक गतिविधियां थमीं
पंजाब में पिछले 24 घंटों से जारी भारी बारिश ने स्कूलों, कॉलेजों और पॉलिटेक्निक संस्थानों को 3 सितंबर 2025 तक बंद करने का कारण बना दिया है। शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने सोशल मीडिया पर घोषणा की, "Due to continuous heavy rainfall across Punjab since last night, all colleges, universities, and polytechnic institutes will also remain closed till 3rd September 2025." उन्होंने हॉस्टल में रहने वाले छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी संस्थानों पर डाली और लोगों से स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी। सतलुज, ब्यास और रावी नदियों का जलस्तर हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के कारण बढ़ गया है, जिससे गुरदासपुर, पठानकोट, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर जैसे जिले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इन क्षेत्रों में 800 से अधिक गांव जलमग्न हो गए हैं, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
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राहत और बचाव कार्य जारी
पंजाब पुलिस की एडवाइजरी
पंजाब पुलिस ने भारी बारिश के बीच ड्राइवरों और आम नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
ड्राइविंग से जुड़े मुख्य सुझाव:
- टायर की ग्रिप चेक करें
- वाइपर ब्लेड सही से काम कर रहे हों
- ब्रेक सही हालत में हों
- दूरी और स्पीड नियंत्रित रखें
- ज़रूरत पड़ने पर हेडलाइट का इस्तेमाल करें
- पानी भरी सड़कों पर सावधानी से चलें
सरकार की अपील और केंद्र से मदद की मांग
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर 60,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता की मांग की है। साथ ही, प्रभावित किसानों को प्रति एकड़ ₹50,000 मुआवज़ा देने की घोषणा भी की गई है।
भविष्य की चिंताएं और सलाह
IMD के अनुसार, 2 सितंबर के बाद मानसून की गतिविधि में कमी आने की संभावना है, लेकिन 18-20 सितंबर के आसपास फिर से बारिश हो सकती है। इस बीच, पंजाब के निवासियों से अपील की गई है कि वे अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें और स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें। बाढ़ से प्रभावित किसानों और ग्रामीण परिवारों की आजीविका पर गहरा असर पड़ा है, जिसके लिए मुआवजे की मांग तेज हो गई है।