रावण दहन की राख को बेकार न समझें, इन 4 आसान उपायों से बदलेगी किस्मत

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भारतभर में दशहरा या विजयदशमी का त्योहार धूमधाम से आश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। 2025 में यह 2 अक्टूबर को आएगा। धार्मिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन भगवान राम ने रावण का अंत किया और मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर देवताओं को मुक्ति दिलाई। यह पर्व सत्य की असत्य पर और प्रकाश की अंधेरे पर सफलता का संदेश देता है। उत्सव के दौरान रावण, मेघनाथ व कुंभकर्ण के पुतलों को जलाने की परंपरा है। लेकिन दहन के बाद बची राख को लोग अक्सर फेंक देते हैं। पुरानी मान्यताओं में यह राख शक्तिशाली और पवित्र मानी जाती है। वास्तु व ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, इससे किए गए कुछ सरल उपाय नकारात्मक प्रभाव हटाते हैं और सुख-समृद्धि लाते हैं। आइए जानें इन चार महत्वपूर्ण तरीकों के बारे में।


घर से नकारात्मकता को दूर भगाएं


यदि आपके घर में हमेशा झगड़े या अशांति का माहौल रहता है, तो दशहरे की रात रावण दहन की थोड़ी राख लें। इसे लाल रंग के कपड़े में लपेटकर मुख्य प्रवेश द्वार के पास रख दें। इस उपाय से नकारात्मक तत्व बाहर चले जाते हैं और सकारात्मक वातावरण बनता है। इसे नई शुरुआत का शुभ संकेत भी कहा जाता है।

विरोधियों पर पाएं सफलता


रावण की राख में साहस और ताकत का गुण माना जाता है। यदि आपको दुश्मनों या प्रतिद्वंद्वियों से परेशानी हो रही है, तो दहन की राख का छोटा हिस्सा लेकर सिर पर मलें। पुरानी परंपरा के अनुसार, इससे शत्रुओं पर विजय मिलने लगती है। यह तरीका उन लोगों के लिए खास उपयोगी है जो चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।

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धन संबंधी समस्याओं का अंत करें


पैसे की तंगी से परेशान हैं तो यह राख मददगार साबित हो सकती है। रावण दहन के बाद बची कुछ राख या जली हुई लकड़ियों के टुकड़ों को अपनी तिजोरी या धन स्थान पर रखें। धीरे-धीरे आर्थिक बाधाएं कम होंगी और कमाई के नए रास्ते खुलेंगे। ज्योतिष में इसे धन वृद्धि का सरल साधन बताया गया है।

बुरी नजर के प्रभाव से बचें


कभी-कभी बिना वजह परेशानियां बढ़ जाती हैं या सफलता रुक जाती है, जिसका कारण बुरी नजर हो सकता है। दशहरे की शाम रावण की राख को थोड़ा सा लेकर तिलक की तरह माथे पर लगाएं। इससे बुरी शक्तियां दूर रहती हैं और जीवन में स्थिरता आती है। यह उपाय सुरक्षा कवच का काम करता है।


दशहरा का यह पर्व न केवल उत्सव है, बल्कि जीवन सुधारने का अवसर भी। रावण दहन की राख को सम्मान दें और इन उपायों को अपनाकर सकारात्मक ऊर्जा आमंत्रित करें। इससे न केवल किस्मत बदलेगी, बल्कि आध्यात्मिक शांति भी मिलेगी।


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