करवा चौथ 2025: निर्जला व्रत, चांद दर्शन, पूजा विधि और खास व्यंजन
विवाहित महिलाओं का प्रिय त्योहार करवा चौथ पति के स्वास्थ्य और सुख के लिए समर्पित है। इस दिन माँ करवा की पूजा कर निर्जला व्रत रखा जाता है। सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सर्गी ग्रहण करें और शाम को चांद दर्शन के बाद व्रत समाप्त करें। यह पर्व प्रेम और समर्पण का प्रतीक है।
करवा चौथ 2025 की तिथि
यह पर्व 10 अक्टूबर 2025 को शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा। पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:57 बजे से 7:11 बजे तक रहेगा। व्रत का समय सुबह 6:19 बजे से शुरू होकर रात 8:13 बजे तक चलेगा। चंद्रोदय का समय रात 8:13 बजे है। हिंदू पंचांग के अनुसार चतुर्थी तिथि 10 अक्टूबर को शाम 7:38 बजे तक रहेगी और चांद 7:42 बजे निकलेगा।
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और सास द्वारा दी गई सर्गी लें, जिसमें फल, मेवे, मिठाई और हल्का भोजन हो। फिर निर्जला व्रत का संकल्प लें, यानी पूरे दिन बिना भोजन और जल के रहें। शाम को चांद दिखने पर ही व्रत तोड़ें। मन शांत रखें, झगड़े न करें और नॉन-वेज या शराब से दूर रहें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
पूजा से पहले सोलह श्रृंगार करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा स्थल पर लाल कपड़ा बिछाएं। गणेश जी की मूर्ति या चित्र रखें, क्योंकि पूजा गणेश पूजन से शुरू होती है। पूजा सामग्री में करवा (मिट्टी या तांबे का घड़ा), दीपक, अगरबत्ती, रोली, चंदन, चावल, फूल, मिठाई, फल, तांबे का लोटा, छलनी और कथा पुस्तक हो। हाथ-पैर धोकर पूजा थाली तैयार करें, जिसमें दीपक, अगरबत्ती, चावल, हल्दी, सिंदूर, रुई, पूजा मिट्टी (गंगा जल के साथ), मिठाई, फल और जल रखें। माँ पार्वती और भगवान शिव की मूर्तियां स्थापित करें। फूल, जल, सिंदूर और चावल अर्पित करें। ध्यान लगाकर पूजा करें। करवा चौथ कथा सुनें या पढ़ें, जिसमें एक वीर राजमाता की कहानी है जो व्रत के महत्व को बताती है। दीपक जलाकर आरती उतारें और पति की लंबी उम्र की प्रार्थना करें। सभी महिलाएं एकत्र होकर पहले गणेश पूजन, फिर करवा माता पूजन और कथा करें।
चांद निकलने पर छलनी से चांद देखें, फिर पति का चेहरा देखें। चांद को अर्घ्य दें। व्रत पति के हाथ से जल पीकर और मिठाई खाकर तोड़ें। व्रत खोलते समय भगवान को धन्यवाद दें और पति की लंबी आयु की कामना करें।
व्रत खोलने के लिए व्यंजन
व्रत तोड़ने के लिए सबसे पहले खजूर लें, जो आदर्श माने जाते हैं। ठंडा पानी या गन्ने का रस पिएं ताकि ऊर्जा मिले। केला या सेब जैसे फल खाएं। लड्डू या हलवा जैसी मिठाई ग्रहण करें। कुछ जगहों पर सुपारी और चावल भी व्रत खोलने में शामिल होते हैं।
करवा चौथ का व्रत पति-पत्नी के बंधन को मजबूत करता है। शांत मन से पूजा करें और त्योहार की खुशी मनाएं। स्वास्थ्य का ख्याल रखें और पारंपरिक रीति-निष्टि का पालन करें।
करवा चौथ 2025 की तिथि
यह पर्व 10 अक्टूबर 2025 को शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा। पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:57 बजे से 7:11 बजे तक रहेगा। व्रत का समय सुबह 6:19 बजे से शुरू होकर रात 8:13 बजे तक चलेगा। चंद्रोदय का समय रात 8:13 बजे है। हिंदू पंचांग के अनुसार चतुर्थी तिथि 10 अक्टूबर को शाम 7:38 बजे तक रहेगी और चांद 7:42 बजे निकलेगा।
व्रत के नियम
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और सास द्वारा दी गई सर्गी लें, जिसमें फल, मेवे, मिठाई और हल्का भोजन हो। फिर निर्जला व्रत का संकल्प लें, यानी पूरे दिन बिना भोजन और जल के रहें। शाम को चांद दिखने पर ही व्रत तोड़ें। मन शांत रखें, झगड़े न करें और नॉन-वेज या शराब से दूर रहें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
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पूजा विधि
पूजा से पहले सोलह श्रृंगार करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा स्थल पर लाल कपड़ा बिछाएं। गणेश जी की मूर्ति या चित्र रखें, क्योंकि पूजा गणेश पूजन से शुरू होती है। पूजा सामग्री में करवा (मिट्टी या तांबे का घड़ा), दीपक, अगरबत्ती, रोली, चंदन, चावल, फूल, मिठाई, फल, तांबे का लोटा, छलनी और कथा पुस्तक हो। हाथ-पैर धोकर पूजा थाली तैयार करें, जिसमें दीपक, अगरबत्ती, चावल, हल्दी, सिंदूर, रुई, पूजा मिट्टी (गंगा जल के साथ), मिठाई, फल और जल रखें। माँ पार्वती और भगवान शिव की मूर्तियां स्थापित करें। फूल, जल, सिंदूर और चावल अर्पित करें। ध्यान लगाकर पूजा करें। करवा चौथ कथा सुनें या पढ़ें, जिसमें एक वीर राजमाता की कहानी है जो व्रत के महत्व को बताती है। दीपक जलाकर आरती उतारें और पति की लंबी उम्र की प्रार्थना करें। सभी महिलाएं एकत्र होकर पहले गणेश पूजन, फिर करवा माता पूजन और कथा करें।
चांद दर्शन और व्रत खोलना
चांद निकलने पर छलनी से चांद देखें, फिर पति का चेहरा देखें। चांद को अर्घ्य दें। व्रत पति के हाथ से जल पीकर और मिठाई खाकर तोड़ें। व्रत खोलते समय भगवान को धन्यवाद दें और पति की लंबी आयु की कामना करें।
व्रत खोलने के लिए व्यंजन
व्रत तोड़ने के लिए सबसे पहले खजूर लें, जो आदर्श माने जाते हैं। ठंडा पानी या गन्ने का रस पिएं ताकि ऊर्जा मिले। केला या सेब जैसे फल खाएं। लड्डू या हलवा जैसी मिठाई ग्रहण करें। कुछ जगहों पर सुपारी और चावल भी व्रत खोलने में शामिल होते हैं।
करवा चौथ का व्रत पति-पत्नी के बंधन को मजबूत करता है। शांत मन से पूजा करें और त्योहार की खुशी मनाएं। स्वास्थ्य का ख्याल रखें और पारंपरिक रीति-निष्टि का पालन करें।