राम भक्त हनुमान का ‘आज मंगलवार है’ भजन के पूरे बोल और इसका गहरा अर्थ
मंगलवार को हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि यह दिन उनकी शक्ति और भक्ति का प्रतीक है। 'आज मंगलवार है, महावीर का वार है' भजन हनुमान जी की महिमा का सुंदर चित्रण करता है। यह गीत उनकी जन्म कथा से लेकर राम-सीता की रक्षा तक की घटनाओं को श्रद्धा से बयान करता है। परिवार के साथ इस भजन को गाने से नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
भजन के बोल: हनुमान जी की भक्ति गाथा
यह भजन हनुमान जी के अवतार, शक्ति और राम के प्रति समर्पण को दर्शाता है। नीचे पूरे बोल दिए गए हैं:
आज मंगलवार है, महावीर का वार है, सच्चा दरबार है।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेड़ा पार है।।
चेत सुति पूनम मंगल का जनम वीर ने पाया है।
लाल लंगोटा गदा हाथ में, सिर पर मुकुट सजाया है।।
शंकर का अवतार है, महावीर का वार है।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेड़ा पार है।।
ब्रह्माजी के ब्रह्म ज्ञान का, बल भी तुमने पाया है।
राम काज शिव शंकर ने, वानर का रूप धारिया है।।
लीला अपरम पार है, महावीर का वार है।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेड़ा पार है।।
बालपन में महावीर ने हरदम ध्यान लगाया है।
शाप दिया ऋषिओं ने तुमको, ब्रह्म ध्यान लगाया है।
राम रामाधार है, महावीर का वार है।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेड़ा पार है।।
राम जनम हुआ अयोध्या में कैसा नाच नचाया है,
कहा राम ने लक्ष्मण से यह वानर मन को भाया है ।
राम चरण से प्यार है, महावीर का वार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेड़ा पार है ॥
पंचवटी से माता को, जब रावण लेकर आया है।
लंका में जाकर तुमने, माता का पता लगाया है।।
अक्षय को मारा है तुमने, महावीर का वार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेड़ा पार है ॥
मेघनाथ ने ब्रह्मपाश में तुमको आन फसाया है।
ब्रह्मपाश में फंस करके, ब्रह्मा का मान बढ़ाया है।।
बजरंगी वाकी मार है, महावीर का वार है।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेड़ा पार है ॥
लंका जलायी आपने जब रावण भी घबराया है।
श्रीराम लखन को आकर माता का संदेश सुनाया है।।
सीता शोक अपार है, महावीर का वार है।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेड़ा पार है।।
मंगलवार पर हनुमान भजन का महत्व
मंगलवार हनुमान जी का प्रिय दिन है, क्योंकि उनका जन्म चैत्र शुक्ल पूर्णिमा के मंगलवार को हुआ था। इस भजन में उनकी शंकर अवतार रूप, ब्रह्म ज्ञान की शक्ति और राम भक्ति का वर्णन है। "मंगलवार के दिन इस गीत से हनुमानजी की महिमा का गायन करना बड़ा ही मंगलकारी माना गया है।" परिवार के साथ इसे गाने से जीवन के दुख दूर होते हैं और शांति मिलती है। यह भजन सच्ची भक्ति का संदेश देता है।
भजन के बोल: हनुमान जी की भक्ति गाथा
यह भजन हनुमान जी के अवतार, शक्ति और राम के प्रति समर्पण को दर्शाता है। नीचे पूरे बोल दिए गए हैं:
आज मंगलवार है, महावीर का वार है, सच्चा दरबार है।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेड़ा पार है।।
चेत सुति पूनम मंगल का जनम वीर ने पाया है।
लाल लंगोटा गदा हाथ में, सिर पर मुकुट सजाया है।।
शंकर का अवतार है, महावीर का वार है।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेड़ा पार है।।
ब्रह्माजी के ब्रह्म ज्ञान का, बल भी तुमने पाया है।
राम काज शिव शंकर ने, वानर का रूप धारिया है।।
लीला अपरम पार है, महावीर का वार है।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेड़ा पार है।।
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बालपन में महावीर ने हरदम ध्यान लगाया है।
शाप दिया ऋषिओं ने तुमको, ब्रह्म ध्यान लगाया है।
राम रामाधार है, महावीर का वार है।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेड़ा पार है।।
राम जनम हुआ अयोध्या में कैसा नाच नचाया है,
कहा राम ने लक्ष्मण से यह वानर मन को भाया है ।
राम चरण से प्यार है, महावीर का वार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेड़ा पार है ॥
पंचवटी से माता को, जब रावण लेकर आया है।
लंका में जाकर तुमने, माता का पता लगाया है।।
अक्षय को मारा है तुमने, महावीर का वार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेड़ा पार है ॥
मेघनाथ ने ब्रह्मपाश में तुमको आन फसाया है।
ब्रह्मपाश में फंस करके, ब्रह्मा का मान बढ़ाया है।।
बजरंगी वाकी मार है, महावीर का वार है।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेड़ा पार है ॥
लंका जलायी आपने जब रावण भी घबराया है।
श्रीराम लखन को आकर माता का संदेश सुनाया है।।
सीता शोक अपार है, महावीर का वार है।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेड़ा पार है।।