नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की आरती गाएं और भक्ति बढ़ाएं

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नवरात्रि के पांचवें दिन मां दुर्गा का रूप स्कंदमाता प्रकट होता है। उनका नाम 'स्कंद' यानी कार्तिकेय और 'माता' यानी मां से बना है। यह आरती भक्तों को उनकी कृपा और रक्षा की याद दिलाती है। सरल शब्दों में लिखी यह आरती पूजा के समय गाने से घर में सुख-शांति आती है।


स्कंदमाता की आरती


जय तेरी हो स्‍कंदमाता
पांचवा नाम तुम्हारा आता

सब के मन की जानन हारी
जग जननी सब की महतारी तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं
हरदम तुम्हें ध्याता रहूं मैं


कई नामों से तुझे पुकारा
मुझे एक है तेरा सहारा

कही पहाड़ों पर हैं डेरा
कई शहरों में तेरा बसेरा


हर मंदिर में तेरे नजारे
गुन गाये तेरे भगत प्यारे

भगति अपनी मुझे दिला दो
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो

इंद्र आदी देवता मिल सारे
करे पुकार तुम्हारे द्वारे

दुष्ट दत्य जब चढ़ कर आएं
तुम ही खंडा हाथ उठाएं


दासो को सदा बचाने आई
‘चमन’ की आस पुजाने आई

आरती का महत्व


यह आरती मां स्कंदमाता की भक्ति को जगाती है। इसमें उनके विभिन्न रूपों और भक्तों के प्रति प्रेम का वर्णन है। नवरात्रि पूजा में इसे गाने से बुराइयों से रक्षा मिलती है और जीवन में नई ऊर्जा आती है। भक्त इसे रोज गाकर मां की कृपा पाते हैं।