तुलसी माता की आरती कैसे करें? पूरी पंक्तियां और सही पूजा विधि
हिंदू धर्म में तुलसी माता को विष्णु भगवान की प्रिय माना जाता है। उनकी आरती गाने से मन को सुकून मिलता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। यह भजन "जय जय तुलसी माता" से शुरू होता है और माता की कृपा का आह्वान करता है। रोज शाम को तुलसी पूजा के समय इसे गाना सबसे अच्छा रहता है। इससे परिवार में एकता और आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
 तुलसी माता की आरती का महत्व
 
यह आरती माता तुलसी को जग की सुखदायिनी बताती है। गाने से रोग, कष्ट और बाधाएं दूर होती हैं। धार्मिक मान्यता है कि तुलसी माता की भक्ति से जीवन में समृद्धि आती है। यह भजन हमें भक्ति और संयम की सीख देता है, जो दैनिक जीवन को बेहतर बनाता है।
 
यहां तुलसी माता की आरती की सारी पंक्तियां दी गई हैं। इसे दीप जलाकर, तुलसी के सामने खड़े होकर गाएं।
जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता।। - मैय्या जय तुलसी माता।।
सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर।
रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता। -मैय्या जय तुलसी माता।।बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या।
विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता। - मैय्या जय तुलसी माता।।
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित।
पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता। -मैय्या जय तुलसी माता।।
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में।
मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता। - मैय्या जय तुलसी माता।।
हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी। प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता।
हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता। मैय्या जय तुलसी माता।।
जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता॥ - मैय्या जय तुलसी माता।।
 
शाम को तुलसी मंडप में दीपक जलाएं। साफ वस्त्र पहनकर खड़े हों। आरती की हर पंक्ति को धीरे-धीरे गाएं। अंत में माता से आशीर्वाद मांगें। इससे पूजा का पूरा लाभ मिलेगा।
 
तुलसी माता की आरती का महत्व
 यह आरती माता तुलसी को जग की सुखदायिनी बताती है। गाने से रोग, कष्ट और बाधाएं दूर होती हैं। धार्मिक मान्यता है कि तुलसी माता की भक्ति से जीवन में समृद्धि आती है। यह भजन हमें भक्ति और संयम की सीख देता है, जो दैनिक जीवन को बेहतर बनाता है।
तुलसी माता की आरती: पूरी पंक्तियां
यहां तुलसी माता की आरती की सारी पंक्तियां दी गई हैं। इसे दीप जलाकर, तुलसी के सामने खड़े होकर गाएं।
जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता।। - मैय्या जय तुलसी माता।।
सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर।
रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता। -मैय्या जय तुलसी माता।।बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या।
विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता। - मैय्या जय तुलसी माता।।
You may also like
- Super Cup: Kolkata derby on cards as East Bengal face Mohun Bagan in Fatorda
- Vanessa Bryant's family outing steals the spotlight as Los Angeles Dodgers fall short against Toronto Blue Jays in Game 5
- Grand Chetak memorial will be built in Rajasthan, says CM Sharma
- Jan Suraaj alleges murder as worker dies in Bihar clash, parties trade blame
- Digital gold rush: Gaming, interactive media to unlock a $7.8 billion opportunity by FY30
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित।
पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता। -मैय्या जय तुलसी माता।।
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में।
मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता। - मैय्या जय तुलसी माता।।
हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी। प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता।
हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता। मैय्या जय तुलसी माता।।
जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता॥ - मैय्या जय तुलसी माता।।
गाने का सरल तरीका
शाम को तुलसी मंडप में दीपक जलाएं। साफ वस्त्र पहनकर खड़े हों। आरती की हर पंक्ति को धीरे-धीरे गाएं। अंत में माता से आशीर्वाद मांगें। इससे पूजा का पूरा लाभ मिलेगा।










