सना मीर की कश्मीर टिप्पणी पर विवाद, अब खुद बोलीं- 'मेरे दिल में कोई दुर्भावना नहीं'
एशिया कप 2025 के भारत-पाकिस्तान विवाद के शांत होने से पहले ही महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 में एक नया बवाल खड़ा हो गया। पाकिस्तान महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान सना मीर कमेंट्री पैनल का हिस्सा थीं। बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच खेले गए मैच के दौरान उन्होंने एक टिप्पणी की, जिसने खेल से ज्यादा राजनीतिक बहस को जन्म दे दिया। यह घटना पाकिस्तान की पारी के 29वें ओवर में हुई, जब नतालिया परवेज बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतरीं।
सना मीर ने पहले कहा कि नतालिया कश्मीर से हैं, लेकिन तुरंत ही बयान बदलते हुए कहा कि "आजाद कश्मीर" से हैं। नतालिया पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) से आती हैं, जिसे पाकिस्तान आजाद कश्मीर कहता है। इस टिप्पणी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही भारत में भारी विरोध शुरू हो गया और दर्शकों तथा क्रिकेट प्रेमियों के बीच चर्चा का विषय बन गया।
सना मीर की यह सफाई दर्शाती है कि उनका उद्देश्य केवल खिलाड़ी की यात्रा और उसके संघर्ष को उजागर करना था, न कि किसी राजनीतिक संदेश को फैलाना।
सना मीर की इस टिप्पणी और बाद में दी गई सफाई से यह साफ है कि उनके इरादे केवल खेल और खिलाड़ियों की उपलब्धियों को उजागर करने वाले थे। कमेंट्री के दौरान खिलाड़ियों की पृष्ठभूमि और प्रेरक कहानियों का उल्लेख करना एक आम प्रैक्टिस है, जिसका उद्देश्य दर्शकों को खेल के भावनात्मक पहलू से जोड़ना होता है।
महिला विश्व कप 2025 में सना मीर की टिप्पणी विवादित जरूर रही, लेकिन उनके स्पष्ट शब्दों से यह समझा जा सकता है कि उनका उद्देश्य केवल खेल और खिलाड़ियों की प्रेरक कहानियों को दर्शाना था। यह घटना हमें याद दिलाती है कि कमेंट्री का मूल मकसद खेल को और रोचक बनाना है, न कि किसी राजनीतिक संदेश को फैलाना।
सना मीर ने पहले कहा कि नतालिया कश्मीर से हैं, लेकिन तुरंत ही बयान बदलते हुए कहा कि "आजाद कश्मीर" से हैं। नतालिया पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) से आती हैं, जिसे पाकिस्तान आजाद कश्मीर कहता है। इस टिप्पणी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही भारत में भारी विरोध शुरू हो गया और दर्शकों तथा क्रिकेट प्रेमियों के बीच चर्चा का विषय बन गया।
सना मीर की सफाई
पूर्व कप्तान सना मीर ने बयान के बाद सोशल मीडिया पर स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मेरी टिप्पणी को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है और खेल जगत के लोगों पर अनावश्यक दबाव डाला जा रहा है। मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि मेरी बात का उद्देश्य केवल एक खिलाड़ी की पृष्ठभूमि और उसके संघर्षपूर्ण सफ़र को उजागर करना था। मैंने महिला विश्व कप 2025 में जिस खिलाड़ी का उल्लेख किया, वह पाकिस्तान के एक खास क्षेत्र से आती हैं और मेरी मंशा केवल उनकी यात्रा और चुनौतियों को दर्शाने की थी। कमेंट्री के दौरान हम अक्सर खिलाड़ियों की प्रेरक कहानियां साझा करते हैं चाहे वे किसी भी देश या क्षेत्र से हों। उसी तरह मैंने उस खिलाड़ी का ज़िक्र किया, जैसा मैंने उसी दिन अन्य दो खिलाड़ियों के लिए भी किया।"You may also like
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सना मीर की यह सफाई दर्शाती है कि उनका उद्देश्य केवल खिलाड़ी की यात्रा और उसके संघर्ष को उजागर करना था, न कि किसी राजनीतिक संदेश को फैलाना।
खेल के दायरे में ही देखें
सना मीर ने कहा, "कृपया इस टिप्पणी का राजनीतिकरण न करें। एक कमेंटेटर के तौर पर हमारा काम खेल, टीमों और खिलाड़ियों पर ध्यान केंद्रित करना है और उनकी साहस और दृढ़ता की कहानियों को दुनिया के सामने लाना है। मेरे दिल में किसी के लिए भी कोई दुर्भावना नहीं है और न ही किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा था। जिस स्रोत से मैंने खिलाड़ी की पृष्ठभूमि पर जानकारी ली थी, उसमें यह विवरण उपलब्ध था। बाद में उसे बदला गया है, लेकिन मैंने उसकी जानकारी का उल्लेख किया था। मेरा निवेदन है कि इसे खेल के दायरे में ही देखा जाए।"सना मीर की इस टिप्पणी और बाद में दी गई सफाई से यह साफ है कि उनके इरादे केवल खेल और खिलाड़ियों की उपलब्धियों को उजागर करने वाले थे। कमेंट्री के दौरान खिलाड़ियों की पृष्ठभूमि और प्रेरक कहानियों का उल्लेख करना एक आम प्रैक्टिस है, जिसका उद्देश्य दर्शकों को खेल के भावनात्मक पहलू से जोड़ना होता है।
विवाद और सोशल मीडिया
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते ही दोनों देशों के क्रिकेट प्रेमियों में प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश की, जबकि अन्य ने इसे केवल कमेंट्री के रूप में देखा। यह घटना दर्शाती है कि खेल और राजनीति कभी-कभी इतने करीब आ जाते हैं कि एक साधारण टिप्पणी भी विवाद का रूप ले सकती है।महिला विश्व कप 2025 में सना मीर की टिप्पणी विवादित जरूर रही, लेकिन उनके स्पष्ट शब्दों से यह समझा जा सकता है कि उनका उद्देश्य केवल खेल और खिलाड़ियों की प्रेरक कहानियों को दर्शाना था। यह घटना हमें याद दिलाती है कि कमेंट्री का मूल मकसद खेल को और रोचक बनाना है, न कि किसी राजनीतिक संदेश को फैलाना।