इस क्रिकेटर के टेस्ट करियर पर संकट के बादल: साउथ अफ्रीका सीरीज में अच्छा खेलना होगा, वरना अलविदा!
क्रिकेट के मैदान पर कभी-कभी एक ही सीरीज आपकी किस्मत बदल सकती है। भारतीय टेस्ट टीम के युवा सितारे साई सुदर्शन के लिए तो ये बात बिल्कुल सही बैठती है। नंबर-3 पर बल्लेबाजी करने वाले इस गुजराती लड़े के कंधों पर अब भारी जिम्मेदारी है। साउथ अफ्रीका के खिलाफ आगामी दो टेस्ट मैचों में अगर वो रन नहीं बटोर सके, तो उनका टेस्ट करियर खतरे में पड़ सकता है। ये सिर्फ आंकड़ों की बात नहीं, बल्कि चयनकर्ताओं की नजरों में उनकी जगह पर सवाल उठने की नौबत आ गई है।
मैंने सालों से क्रिकेट कवर किया है, और देखा है कि ऐसे युवा खिलाड़ी कैसे दबाव में डूब जाते हैं या फिर उभरकर हीरो बन जाते हैं। साई सुदर्शन का मामला थोड़ा नाजुक है। घरेलू क्रिकेट में तो वो चमकते रहे हैं – रणजी ट्रॉफी में शानदार रन जमा चुके हैं।
लेकिन लाल गेंद के क्रिकेट में अब तक का सफर कुछ खास नहीं रहा। पांच टेस्ट मैच, नौ पारियां, और कुल 273 रन – औसत 30.33। इसमें दो अर्धशतक हैं, जो ठीक लगते हैं, लेकिन लगातार फेलियर ने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया है। उनकी पारियों का स्कोर देखिए: 0, 30, 61, 0, 38, 11, 7, 87, 39।
कभी-कभी तो शुरुआत अच्छी होती है, लेकिन बड़े स्कोर में कन्वर्ट नहीं कर पाते। ये टेम्परामेंट का सवाल बन गया है – क्या वो लंबी पारी खेलने के लिए बने हैं? हाल ही में भारत-ए और साउथ अफ्रीका-ए के बीच बेंगलुरु में खेले गए अनऑफिशियल टेस्ट में तो साई ने 52 गेंदों पर महज 17 रन बनाए।
ये फ्लॉप शो उनके लिए चेतावनी की घंटी बजा रहा है। सीनियर टीम में जगह पक्की करने के लिए साउथ अफ्रीका सीरीज ही आखिरी मौका लग रही है। अगर यहां भी बल्ला खामोश रहा, तो चयनकर्ता बाहर बैठे दिग्गजों की ओर रुख कर लेंगे।
बात करें उन विकल्पों की, तो टीम इंडिया के पास टैलेंट की कोई कमी नहीं। श्रेयस अय्यर की क्लासिक टेक्नीक, सरफराज खान की आक्रामकता, देवदत्त पडिक्कल की शानदार फॉर्म, तिलक वर्मा की युवा ऊर्जा, और अभिमन्यु ईश्वरन की संयमित बल्लेबाजी – ये सब नंबर-3 या मिडिल ऑर्डर के लिए बेताब हैं।
BCCI के चयनकर्ताओं ने साई पर भरोसा जताया था, लेकिन अब वो भरोसा जवाब मांग रहा है। मिडिल ऑर्डर में अस्थिरता टीम के लिए सिरदर्द बन चुकी है, और साई को ये समझना होगा कि एक गलती उनके पूरे टेस्ट सफर को खत्म कर सकती है।
अब नजरें साउथ अफ्रीका सीरीज पर। ये दो मैचों की सीरीज 14 नवंबर से शुरू हो रही है। पहला टेस्ट कोलकाता के ईडन गार्डन्स में 14 से 18 नवंबर तक, और दूसरा गुवाहाटी के बरसापारा स्टेडियम में 22 से 26 नवंबर तक। दोनों ही मैच सुबह 9:30 बजे से। शुभमन गिल की कप्तानी वाली भारतीय टीम में साई को मौका मिला है, लेकिन दबाव साफ दिख रहा है।
स्क्वॉड में ऋषभ पंत (उपकप्तान), यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, देवदत्त पडिक्कल, ध्रुव जुरेल, रवींद्र जडेजा, वॉशिंगटन सुंदर, जसप्रीत बुमराह, अक्षर पटेल, नीतीश रेड्डी, मोहम्मद सिराज, कुलदीप यादव और आकाश दीप शामिल हैं।
क्रिकेट प्रेमियों के लिए ये सीरीज रोमांचक तो है ही, लेकिन साई सुदर्शन के फैंस के दिलों में खास जगह रखती है। क्या वो दबाव में कमबैक करेंगे? या फिर नई शुरुआत किसी और के हाथ लगेगी? वक्त ही बताएगा, लेकिन एक बात पक्की है – साउथ अफ्रीका का दौरा साई के करियर का टर्निंग पॉइंट बनेगा।
मैंने सालों से क्रिकेट कवर किया है, और देखा है कि ऐसे युवा खिलाड़ी कैसे दबाव में डूब जाते हैं या फिर उभरकर हीरो बन जाते हैं। साई सुदर्शन का मामला थोड़ा नाजुक है। घरेलू क्रिकेट में तो वो चमकते रहे हैं – रणजी ट्रॉफी में शानदार रन जमा चुके हैं।
लेकिन लाल गेंद के क्रिकेट में अब तक का सफर कुछ खास नहीं रहा। पांच टेस्ट मैच, नौ पारियां, और कुल 273 रन – औसत 30.33। इसमें दो अर्धशतक हैं, जो ठीक लगते हैं, लेकिन लगातार फेलियर ने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया है। उनकी पारियों का स्कोर देखिए: 0, 30, 61, 0, 38, 11, 7, 87, 39।
कभी-कभी तो शुरुआत अच्छी होती है, लेकिन बड़े स्कोर में कन्वर्ट नहीं कर पाते। ये टेम्परामेंट का सवाल बन गया है – क्या वो लंबी पारी खेलने के लिए बने हैं? हाल ही में भारत-ए और साउथ अफ्रीका-ए के बीच बेंगलुरु में खेले गए अनऑफिशियल टेस्ट में तो साई ने 52 गेंदों पर महज 17 रन बनाए।
ये फ्लॉप शो उनके लिए चेतावनी की घंटी बजा रहा है। सीनियर टीम में जगह पक्की करने के लिए साउथ अफ्रीका सीरीज ही आखिरी मौका लग रही है। अगर यहां भी बल्ला खामोश रहा, तो चयनकर्ता बाहर बैठे दिग्गजों की ओर रुख कर लेंगे।
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बात करें उन विकल्पों की, तो टीम इंडिया के पास टैलेंट की कोई कमी नहीं। श्रेयस अय्यर की क्लासिक टेक्नीक, सरफराज खान की आक्रामकता, देवदत्त पडिक्कल की शानदार फॉर्म, तिलक वर्मा की युवा ऊर्जा, और अभिमन्यु ईश्वरन की संयमित बल्लेबाजी – ये सब नंबर-3 या मिडिल ऑर्डर के लिए बेताब हैं।
BCCI के चयनकर्ताओं ने साई पर भरोसा जताया था, लेकिन अब वो भरोसा जवाब मांग रहा है। मिडिल ऑर्डर में अस्थिरता टीम के लिए सिरदर्द बन चुकी है, और साई को ये समझना होगा कि एक गलती उनके पूरे टेस्ट सफर को खत्म कर सकती है।
अब नजरें साउथ अफ्रीका सीरीज पर। ये दो मैचों की सीरीज 14 नवंबर से शुरू हो रही है। पहला टेस्ट कोलकाता के ईडन गार्डन्स में 14 से 18 नवंबर तक, और दूसरा गुवाहाटी के बरसापारा स्टेडियम में 22 से 26 नवंबर तक। दोनों ही मैच सुबह 9:30 बजे से। शुभमन गिल की कप्तानी वाली भारतीय टीम में साई को मौका मिला है, लेकिन दबाव साफ दिख रहा है।
स्क्वॉड में ऋषभ पंत (उपकप्तान), यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, देवदत्त पडिक्कल, ध्रुव जुरेल, रवींद्र जडेजा, वॉशिंगटन सुंदर, जसप्रीत बुमराह, अक्षर पटेल, नीतीश रेड्डी, मोहम्मद सिराज, कुलदीप यादव और आकाश दीप शामिल हैं।
क्रिकेट प्रेमियों के लिए ये सीरीज रोमांचक तो है ही, लेकिन साई सुदर्शन के फैंस के दिलों में खास जगह रखती है। क्या वो दबाव में कमबैक करेंगे? या फिर नई शुरुआत किसी और के हाथ लगेगी? वक्त ही बताएगा, लेकिन एक बात पक्की है – साउथ अफ्रीका का दौरा साई के करियर का टर्निंग पॉइंट बनेगा।









