कोहली का संन्यास, हरमनप्रीत का इतिहास: 2025 के वो 5 ऐतिहासिक मोमेंट्स जिसने भारत का नाम किया रोशन
साल 2025 भारतीय खेल इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। इस साल देश ने नई ऊंचाइयां छुईं, नए चैम्पियंस बने, अनुभवी दिग्गजों ने अपने करियर के यादगार अध्याय को समेटा और कई खिलाड़ियों ने सभी बाधाओं को तोड़कर दुनिया के सामने अपनी असली ताकत दिखाई। यह सिर्फ जीत की कहानियां नहीं थीं, बल्कि जुनून, धैर्य और उम्मीद की गहरी मानवीय भावनाएं थीं।
आइए नजर डालते हैं 2025 के उन खास भारतीय स्पोर्ट्स पलों पर, जिन पर पूरा देश गर्व करता है।
1. नीरज चोपड़ा ने अपने नाम के इवेंट में रचा इतिहास
जिस दिन बेंगलुरु के श्री कांतिरावा स्टेडियम में लगभग 14,000 दर्शक इकट्ठा हुए, वह सिर्फ एक एथलेटिक्स इवेंट नहीं था। यह भारत का पहला वर्ल्ड एथलेटिक्स कैटेगरी A जैवलिन इवेंट था, जिसका नाम था नीरज चोपड़ा क्लासिक। और उसी इवेंट में नीरज ने 86.18 मीटर का शानदार थ्रो लगाकर गोल्ड अपने नाम किया।
जब नीरज फूलों का गुलदस्ता हाथ में लिए, गले में मेडल डाले और आंखों में खुशी के आंसू लिए खड़े थे, पूरा स्टेडियम गर्व से झूम उठा। यह जीत सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं थी। यह उस भारतीय खिलाड़ी का सफर था जिसने जैवलिन थ्रो को घर घर तक पहुंचा दिया।
नीरज चोपड़ा क्लासिक ने दिखा दिया कि भारत में ट्रैक एंड फील्ड का भविष्य अब पहले से कहीं ज्यादा उज्ज्वल है।
2. डिव्या देशमुख बनाम कोनेरू हंपी की ऐतिहासिक फाइनल भिड़ंत
2025 की वुमेंस चेस वर्ल्ड कप फाइनल में दुनिया ने एक ऐसा मुकाबला देखा जिसने भारतीय शतरंज की नई कहानी लिख दी। एक तरफ थीं अनुभवी, शांत और बेहद स्थिर खेल दिखाने वाली कोनेरू हंपी, और दूसरी तरफ थीं युवा, साहसी और बेहद तेज दिमाग वाली डिव्या देशमुख।
यह मुकाबला दो पीढ़ियों की भिड़ंत था। हंपी का वर्षों का अनुभव और डिव्या की निडर चालें दोनों ने भारतीय खेल संस्कृति का सबसे बेहतरीन रूप पेश किया। यह फाइनल सिर्फ एक खिताब की लड़ाई नहीं था, बल्कि भारतीय शतरंज के मजबूत भविष्य का ऐलान था।
3. विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट को कहा अलविदा
विराट कोहली का टेस्ट रिटायरमेंट पूरे देश के लिए भावुक क्षण था। 36 साल की उम्र में और इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज से ठीक पहले कोहली ने अचानक यह घोषणा की कि वह अब टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलेंगे।
123 टेस्ट, 9230 रन और एक ऐसा सफर जिसने भारतीय क्रिकेट को नई पहचान दी। कोहली ने लिखा कि टेस्ट क्रिकेट ने उन्हें सिखाया, परखा और एक बेहतर इंसान बनाया।
रोहित शर्मा के हालिया रिटायरमेंट के बाद यह भारतीय क्रिकेट के लिए एक और बड़ा बदलाव था। हालांकि कोहली वनडे खेलना जारी रखेंगे, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उनकी विरासत हमेशा याद की जाएगी। उनके 40 टेस्ट जीत भारतीय क्रिकेट इतिहास का एक बड़ा अध्याय हैं।
4. भारतीय महिला क्रिकेट टीम का पहला वर्ल्ड कप खिताब
मुंबई की वही रात जब कभी हरमनप्रीत कौर ट्रेन छूटने की चिंता करते हुए अभ्यास करने जाती थीं, उसी शहर में एक नया इतिहास लिखा गया। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने दक्षिण अफ्रीका को हराकर अपना पहला वर्ल्ड कप जीत लिया।
हरमनप्रीत की कप्तानी, टीम की कड़ी मेहनत और पूरे देश की उम्मीदें उस रात एक साथ चमक उठीं। लगभग 40,000 दर्शक स्टेडियम में भारत की जीत के गवाह बने और आतिशबाजी से आसमान जगमगा उठा।
हरमनप्रीत की यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं थी, यह महिला एथलीटों के लिए एक शक्तिशाली संदेश थी कि उनकी मेहनत अब दुनिया देख रही है।
उप कप्तान स्मृति मंधाना ने कहा कि वह उस दिन का सपना देखती हैं जब गली क्रिकेट में लड़कियां लड़कों की तरह आसानी से बैट पकड़े नजर आएंगी।
यह जीत भारत में महिला खेलों की दिशा बदलने की क्षमता रखती है।
5. अहमदाबाद को मिला 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी का अधिकार
साल 2030 के राष्ट्रमंडल खेल अब भारत में होंगे और मेजबानी की जिम्मेदारी संभालेगा अहमदाबाद। ग्लासगो में हुई मीटिंग में 74 सदस्य देशों ने भारत की बोली को मंजूरी दी और यह पल देश की खेल कूटनीति के लिए ऐतिहासिक बन गया।
प्रधानमंत्री ने इसे भारत के खेल विकास की बड़ी उपलब्धि बताया और गृह मंत्री ने इसे खेल महाशक्ति बनने की दिशा में मील का पत्थर कहा।
2030 राष्ट्रमंडल खेलों में 15 से 17 खेलों को शामिल किया जाएगा जिनमें एथलेटिक्स, स्विमिंग, टेबल टेनिस, वेटलिफ्टिंग, जिमनास्टिक्स, बॉक्सिंग जैसे प्रमुख खेल रहेंगे। भारत दो पारंपरिक खेल भी प्रस्तावित कर सकता है।
इस घोषणा के बाद गरबा और ढोल की धुन पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुति ने भारत की सांस्कृतिक सुंदरता को दुनिया के सामने पेश किया।
खिलाड़ियों ने भी इस फैसले का स्वागत किया। भारतीय मुक्केबाज जैस्मिन ने कहा कि अपने ही देश में इतने बड़े खेल आयोजन में हिस्सा लेना नई ऊर्जा देगा।
2025 भारतीय खेल जगत के लिए यादगार रहा। नीरज चोपड़ा की चमक, शतरंज का नया युग, विराट कोहली की भावनात्मक विदाई, महिला क्रिकेट टीम का विश्व विजेता बनना और 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी जैसी उपलब्धियों ने पूरे देश को गर्व से भर दिया।
यह साल दिखाता है कि भारतीय खिलाड़ी न सिर्फ मेहनत करते हैं, बल्कि देश के सपनों को भी नई दिशा देते हैं। आने वाले सालों में भारतीय खेल और भी ऊंचाइयां छुएगा, यही उम्मीद देशवासियों के दिल में बस चुकी है।
आइए नजर डालते हैं 2025 के उन खास भारतीय स्पोर्ट्स पलों पर, जिन पर पूरा देश गर्व करता है।
1. नीरज चोपड़ा ने अपने नाम के इवेंट में रचा इतिहास
जिस दिन बेंगलुरु के श्री कांतिरावा स्टेडियम में लगभग 14,000 दर्शक इकट्ठा हुए, वह सिर्फ एक एथलेटिक्स इवेंट नहीं था। यह भारत का पहला वर्ल्ड एथलेटिक्स कैटेगरी A जैवलिन इवेंट था, जिसका नाम था नीरज चोपड़ा क्लासिक। और उसी इवेंट में नीरज ने 86.18 मीटर का शानदार थ्रो लगाकर गोल्ड अपने नाम किया।
जब नीरज फूलों का गुलदस्ता हाथ में लिए, गले में मेडल डाले और आंखों में खुशी के आंसू लिए खड़े थे, पूरा स्टेडियम गर्व से झूम उठा। यह जीत सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं थी। यह उस भारतीय खिलाड़ी का सफर था जिसने जैवलिन थ्रो को घर घर तक पहुंचा दिया।
नीरज चोपड़ा क्लासिक ने दिखा दिया कि भारत में ट्रैक एंड फील्ड का भविष्य अब पहले से कहीं ज्यादा उज्ज्वल है।
2. डिव्या देशमुख बनाम कोनेरू हंपी की ऐतिहासिक फाइनल भिड़ंत
2025 की वुमेंस चेस वर्ल्ड कप फाइनल में दुनिया ने एक ऐसा मुकाबला देखा जिसने भारतीय शतरंज की नई कहानी लिख दी। एक तरफ थीं अनुभवी, शांत और बेहद स्थिर खेल दिखाने वाली कोनेरू हंपी, और दूसरी तरफ थीं युवा, साहसी और बेहद तेज दिमाग वाली डिव्या देशमुख।
यह मुकाबला दो पीढ़ियों की भिड़ंत था। हंपी का वर्षों का अनुभव और डिव्या की निडर चालें दोनों ने भारतीय खेल संस्कृति का सबसे बेहतरीन रूप पेश किया। यह फाइनल सिर्फ एक खिताब की लड़ाई नहीं था, बल्कि भारतीय शतरंज के मजबूत भविष्य का ऐलान था।
3. विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट को कहा अलविदा
विराट कोहली का टेस्ट रिटायरमेंट पूरे देश के लिए भावुक क्षण था। 36 साल की उम्र में और इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज से ठीक पहले कोहली ने अचानक यह घोषणा की कि वह अब टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलेंगे।
123 टेस्ट, 9230 रन और एक ऐसा सफर जिसने भारतीय क्रिकेट को नई पहचान दी। कोहली ने लिखा कि टेस्ट क्रिकेट ने उन्हें सिखाया, परखा और एक बेहतर इंसान बनाया।
रोहित शर्मा के हालिया रिटायरमेंट के बाद यह भारतीय क्रिकेट के लिए एक और बड़ा बदलाव था। हालांकि कोहली वनडे खेलना जारी रखेंगे, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उनकी विरासत हमेशा याद की जाएगी। उनके 40 टेस्ट जीत भारतीय क्रिकेट इतिहास का एक बड़ा अध्याय हैं।
4. भारतीय महिला क्रिकेट टीम का पहला वर्ल्ड कप खिताब
मुंबई की वही रात जब कभी हरमनप्रीत कौर ट्रेन छूटने की चिंता करते हुए अभ्यास करने जाती थीं, उसी शहर में एक नया इतिहास लिखा गया। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने दक्षिण अफ्रीका को हराकर अपना पहला वर्ल्ड कप जीत लिया।
हरमनप्रीत की कप्तानी, टीम की कड़ी मेहनत और पूरे देश की उम्मीदें उस रात एक साथ चमक उठीं। लगभग 40,000 दर्शक स्टेडियम में भारत की जीत के गवाह बने और आतिशबाजी से आसमान जगमगा उठा।
हरमनप्रीत की यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं थी, यह महिला एथलीटों के लिए एक शक्तिशाली संदेश थी कि उनकी मेहनत अब दुनिया देख रही है।
उप कप्तान स्मृति मंधाना ने कहा कि वह उस दिन का सपना देखती हैं जब गली क्रिकेट में लड़कियां लड़कों की तरह आसानी से बैट पकड़े नजर आएंगी।
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यह जीत भारत में महिला खेलों की दिशा बदलने की क्षमता रखती है।
5. अहमदाबाद को मिला 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी का अधिकार
साल 2030 के राष्ट्रमंडल खेल अब भारत में होंगे और मेजबानी की जिम्मेदारी संभालेगा अहमदाबाद। ग्लासगो में हुई मीटिंग में 74 सदस्य देशों ने भारत की बोली को मंजूरी दी और यह पल देश की खेल कूटनीति के लिए ऐतिहासिक बन गया।
प्रधानमंत्री ने इसे भारत के खेल विकास की बड़ी उपलब्धि बताया और गृह मंत्री ने इसे खेल महाशक्ति बनने की दिशा में मील का पत्थर कहा।
2030 राष्ट्रमंडल खेलों में 15 से 17 खेलों को शामिल किया जाएगा जिनमें एथलेटिक्स, स्विमिंग, टेबल टेनिस, वेटलिफ्टिंग, जिमनास्टिक्स, बॉक्सिंग जैसे प्रमुख खेल रहेंगे। भारत दो पारंपरिक खेल भी प्रस्तावित कर सकता है।
इस घोषणा के बाद गरबा और ढोल की धुन पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुति ने भारत की सांस्कृतिक सुंदरता को दुनिया के सामने पेश किया।
खिलाड़ियों ने भी इस फैसले का स्वागत किया। भारतीय मुक्केबाज जैस्मिन ने कहा कि अपने ही देश में इतने बड़े खेल आयोजन में हिस्सा लेना नई ऊर्जा देगा।
2025 भारतीय खेल जगत के लिए यादगार रहा। नीरज चोपड़ा की चमक, शतरंज का नया युग, विराट कोहली की भावनात्मक विदाई, महिला क्रिकेट टीम का विश्व विजेता बनना और 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी जैसी उपलब्धियों ने पूरे देश को गर्व से भर दिया।
यह साल दिखाता है कि भारतीय खिलाड़ी न सिर्फ मेहनत करते हैं, बल्कि देश के सपनों को भी नई दिशा देते हैं। आने वाले सालों में भारतीय खेल और भी ऊंचाइयां छुएगा, यही उम्मीद देशवासियों के दिल में बस चुकी है।









