अब आधार अपडेट होगा मिनटों में! UIDAI ने शुरू किया ऑटो-वेरिफिकेशन सिस्टम
आधार कार्ड देश की सबसे महत्वपूर्ण पहचान दस्तावेज है, जो बैंक खातों से लेकर सरकारी योजनाओं तक सबमें इस्तेमाल होता है। लेकिन अब यूआईडीएआई UIDAI (यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने 2025 के लिए कई नए नियम पेश किए हैं। इनमें सबसे बड़ा बदलाव यह है कि आधार की जानकारी सुधारने के लिए कागजात भेजने की मजबूरी समाप्त हो रही है। स्वचालित सत्यापन से प्रक्रिया तेज और सुरक्षित बनेगी। आइए इन बदलावों को विस्तार से समझें।
आधार अपडेट में नई व्यवस्था
नवंबर 2025 से आधार धारकों को अपनी जानकारी जैसे नाम, पता या जन्मतिथि बदलने के लिए कोई दस्तावेज स्कैन करके अपलोड नहीं करने पड़ेंगे। यूआईडीएआई का नया सिस्टम सरकारी डेटाबेस से सीधे जानकारी चेक कर लेगा। यह सुविधा ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध होगी, जिससे समय और मेहनत बचेगी। पहले दस्तावेज जमा करने पड़ते थे, लेकिन अब डिजिटल सत्यापन से सब आसान हो जाएगा।
पैन-आधार लिंकिंग के नए नियम
दूसरा बड़ा बदलाव पैन-आधार को लिंक करने से संबंधित है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जो उपयोगकर्ता अपने पैन और आधार को लिंक नहीं करेंगे, उनका पैन निष्क्रिय (inoperative) हो जाएगा।
बैंक और वित्तीय संस्थाओं के लिए केवाईसी (नो योर कस्टमर) प्रक्रिया में आधार का इस्तेमाल बढ़ेगा। अब वीडियो वेरिफिकेशन या ई-केवाईसी के जरिए आधार से पहचान सत्यापित होगी। दस्तावेजों की कॉपी जमा करने की बजाय डिजिटल तरीके अपनाए जाएंगे। यह बदलाव ग्राहकों को तेज सेवा देगा और पेपरवर्क कम करेगा।
आधार केंद्रों पर बायोमेट्रिक अपडेट के लिए 125 रुपये और डेमोग्राफिक बदलाव के लिए 75 रुपये चार्ज होंगे जो कि पहले 50 रुपये थी अगर आप अपना आधार नंबर भूल गए हैं, तो रिकवरी फीस 50 रुपये है। डॉक्यूमेंट अपडेट के लिए 75 रुपये हैं। होम एनरोलमेंट सेवा (पहले व्यक्ति के लिए)₹ 700 और होम एनरोलमेंट सेवा (उसी पते पर हर अतिरिक्त व्यक्ति के लिए)₹ 350
AePS (आधार सक्षम भुगतान प्रणाली) नियम होंगे सख्त: 1 जनवरी, 2026 से RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) बैंकों और बिज़नेस कॉरेस्पोंडेंट्स के लिए धोखाधड़ी की निगरानी (fraud monitoring) और केवाईसी सत्यापन के नए नियम लागू करेगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आधार-आधारित नकद निकासी (cash withdrawal) या जमा सेवाएँ सीमित हो सकती हैं। यह कदम धोखाधड़ी को कम करेगा, लेकिन कुछ उपयोगकर्ताओं को पहुँच (access) की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
छोटी बचत योजनाओं (Small Savings Schemes) में आधार का विस्तार: पोस्ट ऑफिस आरडी, पीपीएफ (PPF) और एनएससी (NSC) जैसे अकाउंट अब आधार ई-केवाईसी का उपयोग करके खोले जा सकेंगे, जिससे कागज़ रहित ऑनबोर्डिंग (paperless onboarding) में समय की बचत होगी।
ऑफलाइन केवाईसी KYC फ्रेमवर्क को सरलीकृत किया जाएगा: आने वाले महीनों में, आप बैंक या निवेश प्लेटफॉर्म पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए केवल अपना आधार सुरक्षित क्यूआर कोड या मास्क्ड आईडी (masked ID) दिखा पाएंगे।
ये नए नियम आधार को और मजबूत बनाएंगे, जिससे पहचान चोरी जैसी समस्याएं कम होंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि स्वचालित सिस्टम से करोड़ों लोगों को फायदा मिलेगा। हालांकि, समय पर अपडेट रखना जरूरी है ताकि कोई समस्या न हो।
आधार अपडेट में नई व्यवस्था
नवंबर 2025 से आधार धारकों को अपनी जानकारी जैसे नाम, पता या जन्मतिथि बदलने के लिए कोई दस्तावेज स्कैन करके अपलोड नहीं करने पड़ेंगे। यूआईडीएआई का नया सिस्टम सरकारी डेटाबेस से सीधे जानकारी चेक कर लेगा। यह सुविधा ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध होगी, जिससे समय और मेहनत बचेगी। पहले दस्तावेज जमा करने पड़ते थे, लेकिन अब डिजिटल सत्यापन से सब आसान हो जाएगा।
पैन-आधार लिंकिंग के नए नियम
दूसरा बड़ा बदलाव पैन-आधार को लिंक करने से संबंधित है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जो उपयोगकर्ता अपने पैन और आधार को लिंक नहीं करेंगे, उनका पैन निष्क्रिय (inoperative) हो जाएगा।
- अंतिम तिथि: सभी मौजूदा पैन धारकों को 31 दिसंबर, 2025 तक अपने आधार को पैन से लिंक करना ज़रूरी है।
- परिणाम: अगर आप समय पर लिंक नहीं करते हैं, तो 1 जनवरी, 2026 से आपका पैन निष्क्रिय हो जाएगा। निष्क्रिय पैन होने पर म्यूचुअल फंड में निवेश, डीमैट अकाउंट खोलने और टैक्स-बचत के साधनों में निवेश में समस्या आ सकती है।
- नए आवेदक: नए पैन आवेदकों के लिए अब आधार प्रमाणीकरण (Aadhaar authentication) अनिवार्य कर दिया गया है।
केवाईसी KYC नियमों में बदलाव
बैंक और वित्तीय संस्थाओं के लिए केवाईसी (नो योर कस्टमर) प्रक्रिया में आधार का इस्तेमाल बढ़ेगा। अब वीडियो वेरिफिकेशन या ई-केवाईसी के जरिए आधार से पहचान सत्यापित होगी। दस्तावेजों की कॉपी जमा करने की बजाय डिजिटल तरीके अपनाए जाएंगे। यह बदलाव ग्राहकों को तेज सेवा देगा और पेपरवर्क कम करेगा।
फीस और अन्य अपडेट
आधार केंद्रों पर बायोमेट्रिक अपडेट के लिए 125 रुपये और डेमोग्राफिक बदलाव के लिए 75 रुपये चार्ज होंगे जो कि पहले 50 रुपये थी अगर आप अपना आधार नंबर भूल गए हैं, तो रिकवरी फीस 50 रुपये है। डॉक्यूमेंट अपडेट के लिए 75 रुपये हैं। होम एनरोलमेंट सेवा (पहले व्यक्ति के लिए)₹ 700 और होम एनरोलमेंट सेवा (उसी पते पर हर अतिरिक्त व्यक्ति के लिए)₹ 350
जल्द लागू होने वाले आधार नियम परिवर्तन
AePS (आधार सक्षम भुगतान प्रणाली) नियम होंगे सख्त: 1 जनवरी, 2026 से RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) बैंकों और बिज़नेस कॉरेस्पोंडेंट्स के लिए धोखाधड़ी की निगरानी (fraud monitoring) और केवाईसी सत्यापन के नए नियम लागू करेगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आधार-आधारित नकद निकासी (cash withdrawal) या जमा सेवाएँ सीमित हो सकती हैं। यह कदम धोखाधड़ी को कम करेगा, लेकिन कुछ उपयोगकर्ताओं को पहुँच (access) की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
छोटी बचत योजनाओं (Small Savings Schemes) में आधार का विस्तार: पोस्ट ऑफिस आरडी, पीपीएफ (PPF) और एनएससी (NSC) जैसे अकाउंट अब आधार ई-केवाईसी का उपयोग करके खोले जा सकेंगे, जिससे कागज़ रहित ऑनबोर्डिंग (paperless onboarding) में समय की बचत होगी।
ऑफलाइन केवाईसी KYC फ्रेमवर्क को सरलीकृत किया जाएगा: आने वाले महीनों में, आप बैंक या निवेश प्लेटफॉर्म पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए केवल अपना आधार सुरक्षित क्यूआर कोड या मास्क्ड आईडी (masked ID) दिखा पाएंगे।
इन बदलावों का असर
ये नए नियम आधार को और मजबूत बनाएंगे, जिससे पहचान चोरी जैसी समस्याएं कम होंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि स्वचालित सिस्टम से करोड़ों लोगों को फायदा मिलेगा। हालांकि, समय पर अपडेट रखना जरूरी है ताकि कोई समस्या न हो।
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