Google Maps का खौफनाक इस्तेमाल: तीन राज्यों में चोरी करने वाला हाईटेक गैंग गिरफ्तार, जानें कैसे चुनते थे अपना अगला शिकार

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डिजिटल इंडिया के इस दौर में जहाँ गूगल मैप्स ( Google Maps ) हमारे रास्तों को आसान बनाता है, वहीं अब अपराधी इसका इस्तेमाल चोरी की वारदातों को अंजाम देने के लिए कर रहे हैं। झारखंड के जमशेदपुर (Steel City) में पुलिस ने एक ऐसे ही शातिर गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो सैटेलाइट लोकेशन के जरिए बंद घरों की रेकी करता था और फिर वहां हाथ साफ कर देता था।
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बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड में आतंक मचाने वाले इस अंतरराज्यीय गैंग की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।

  • गूगल मैप्स से रेकी और फिर 'क्लीन स्वीप': गिरोह का काम करने का तरीका
  • पूर्वी सिंहभूम के एसएसपी पीयूष पांडेय के अनुसार, यह गिरोह तकनीकी रूप से काफी एडवांस था। ये लोग किसी भी शहर में पहुँचकर गूगल मैप्स का इस्तेमाल करते थे ताकि ऐसे घरों को चिह्नित किया जा सके जो सुनसान इलाकों में हों या जहाँ से भागना आसान हो।

गैंग की कार्यप्रणाली के मुख्य बिंदु:




  • रैंडम टारगेट: ये लोग गूगल मैप्स पर रैंडमली घर चुनते थे ताकि पुलिस को कोई पैटर्न न मिल सके।
  • तुरंत पलायन: वारदात को अंजाम देने के तुरंत बाद ये अपराधी शहर छोड़ देते थे और दूसरे राज्य में शरण ले लेते थे।
  • तीन राज्यों में सक्रिय: पिछले कुछ महीनों में इस गिरोह ने झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के अलग-अलग शहरों में छह से ज्यादा बड़ी चोरियों को अंजाम दिया है।

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इस हाईटेक गैंग की किस्मत तब दगा दे गई जब उन्होंने जमशेदपुर के गोलमुरी इलाके में 19 सितंबर को ऋषभ कुमार नामक व्यक्ति के घर में सेंधमारी की। पीड़ित की शिकायत पर एसएसपी ने एक विशेष टीम गठित की।

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जमशेदपुर पुलिस ने CCTV फुटेज, टेक्निकल सपोर्ट और जमीनी खुफिया जानकारी ( Intelligence Inputs ) के जरिए अपराधियों का पीछा किया। आखिरकार, पुलिस ने बिहार के रहने वाले तीन आरोपियों को धर दबोचा।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान और बरामदगी

पुलिस ने इस गैंग के तीन मुख्य सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान इस प्रकार है:

  • विकास कुमार (27 वर्ष)
  • राजु कुमार (49 वर्ष)
  • मोहम्मद इरफान (26 वर्ष)

ये तीनों आरोपी बिहार के अलग-अलग जिलों के निवासी हैं। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि जमशेदपुर में इनका साथ देने वाले स्थानीय मददगार कौन थे।


पुलिस द्वारा बरामद सामान:
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने अपराधियों के पास से घातक हथियार और चोरी का माल बरामद किया है:

  • एक अवैध हथियार (Firearm) और दो 8mm के जिंदा कारतूस।
  • चोरी किए गए सोने के आभूषण।
  • घर के ताले और तिजोरी तोड़ने के आधुनिक उपकरण।

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इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि अपराधी अब पुराने तरीकों को छोड़कर नई तकनीक अपना रहे हैं। ऐसे में आपको भी सतर्क रहने की जरूरत है:

  • CCTV कैमरा: अपने घर के बाहर और अंदर हाई-डेफिनिशन सीसीटीवी कैमरे जरूर लगवाएं।
  • स्मार्ट लाइटिंग: यदि आप शहर से बाहर जा रहे हैं, तो स्मार्ट लाइट का प्रयोग करें जिसे मोबाइल से कंट्रोल किया जा सके, ताकि घर खाली न लगे।
  • सोशल मीडिया: यात्रा पर जाते समय तुरंत सोशल मीडिया पर फोटो डालने से बचें, क्योंकि अपराधी ऑनलाइन जानकारी का भी पीछा करते हैं।

जमशेदपुर पुलिस की इस कामयाबी ने अंतरराज्यीय चोरों के नेटवर्क को तोड़ दिया है। पकड़े गए आरोपियों को शनिवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। गूगल मैप्स जैसे टूल्स का गलत इस्तेमाल समाज के लिए एक नई चुनौती बन गया है, जिससे निपटने के लिए सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।







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