iPhone जैसा सेफ्टी फीचर अब गूगल मैसेजेस में, वीडियो न्यूडिटी पर ब्लर अलर्ट

आजकल मैसेजिंग ऐप्स हमारे दैनिक संवाद का अहम हिस्सा है, लेकिन कभी-कभी अनचाही या आपत्तिजनक सामग्री इन चैट्स को असहज बना देती है। गूगल मैसेजेस अब इस समस्या से निपटने के लिए एक नई सुविधा ला रहा है। यह फीचर वीडियो संदेशों में न्यूडिटी कंटेंट को पहचानकर उन्हें प्ले करने से पहले ब्लर कर देगा। उपयोगकर्ता चाहें तो इसे सीधे डिलीट भी कर सकते हैं। यह व्यवस्था एप्पल के iOS पर उपलब्ध इमेज वार्निंग सिस्टम से प्रेरित है। अक्टूबर 2025 के प्ले सर्विसेज अपडेट (v25.39) के साथ यह धीरे-धीरे सभी डिवाइसों पर उपलब्ध हो रहा है। इससे चैटिंग न केवल सुरक्षित होगी, बल्कि गोपनीयता भी मजबूत बनेगी। आइए, इसकी बारीकियों पर नजर डालें।
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वीडियो स्कैनिंग का नया तरीका


गूगल मैसेजेस अब आने वाले और जाने वाले दोनों वीडियो संदेशों की जांच करेगा। पहले यह सुविधा केवल तस्वीरों के लिए थी, लेकिन अब वीडियो को भी शामिल किया गया है। जब कोई आपत्तिजनक वीडियो प्राप्त होता है, तो ऐप इसे स्वतः धुंधला दिखाएगा। उपयोगकर्ता को एक स्पष्ट चेतावनी मिलेगी, जिससे वे बिना खोले ही फैसला ले सकें। यह पूरी प्रक्रिया उपयोगकर्ता के फोन पर ही होती है, यानी कोई डेटा गूगल के सर्वर पर नहीं जाता। एंड्रॉयड का सेफ्टीकोर सिस्टम इसकी बुनियाद है, जो गोपनीयता बनाए रखते हुए संवेदनशील सामग्री को अलग करता है। कई उपयोगकर्ता अभी सितंबर के पुराने संस्करण पर हैं, इसलिए अपडेट का इंतजार करना पड़ेगा। लेकिन एक बार उपलब्ध होने पर यह चैट अनुभव को काफी सुगम बना देगा।

ब्लर इफेक्ट और आसान नियंत्रण


यह नया विकल्प इमेज वार्निंग की तरह काम करता है। आपत्तिजनक वीडियो को तुरंत ब्लर कर दिया जाता है, ताकि उपयोगकर्ता बिना परेशानी के इसे देख सकें या हटा सकें। अगर आप वीडियो को रिव्यू करना चाहें, तो बस टैप करें। अन्यथा, डिलीट बटन से इसे हमेशा के लिए हटा दें। यह फीचर विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो अनचाही सामग्री से बचना चाहते हैं। युवा उपयोगकर्ताओं के लिए तो यह एक सुरक्षा दीवार की तरह है। चूंकि सब कुछ स्थानीय स्तर पर होता है, इसलिए फोटो या वीडियो की कोई चिंता नहीं। गूगल ने इस अपडेट को प्ले सर्विसेज रिलीज नोट्स में उल्लेख किया है, जो दर्शाता है कि कंपनी उपयोगकर्ता सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही है।


एप्पल से प्रेरित सुरक्षा स्तर


एप्पल का iमैसेज पहले से ही आपत्तिजनक सामग्री को ब्लर करके बच्चों को सुरक्षा टिप्स देता है। गूगल का यह कदम उसी दिशा में है, लेकिन यह किशोरों और वयस्कों दोनों के लिए डिजाइन किया गया है। फीचर उपयोगकर्ता की उम्र के आधार पर सेटिंग्स खुद समायोजित कर लेता है, जिससे सुरक्षा का दायरा विस्तृत हो जाता है। इससे न केवल व्यक्तिगत चैट्स सुरक्षित रहेंगी, बल्कि समग्र मैसेजिंग अनुभव बेहतर बनेगा। गूगल मैसेजेस के उपयोगकर्ताओं को अब iPhone जैसी प्राइवेसी मिलेगी। यह बदलाव अनचाहे कंटेंट को रोकने में बड़ी भूमिका निभाएगा, खासकर डिजिटल दुनिया में बढ़ते जोखिमों के बीच।

भविष्य की सुरक्षा और लाभ


यह फीचर रोलआउट के साथ गूगल मैसेजेस को और मजबूत बनाएगा। उपयोगकर्ताओं को अब चिंता किए बिना चैट करना आसान हो जाएगा। युवा पीढ़ी के लिए यह खासतौर पर जरूरी है, क्योंकि ऑनलाइन शेयरिंग बढ़ रही है। गोपनीयता पर जोर देकर गूगल ने एक सकारात्मक संदेश दिया है। जल्द ही सभी डिवाइसों पर उपलब्ध होने से लाखों उपयोगकर्ता इसका फायदा उठा सकेंगे। कुल मिलाकर, यह अपडेट डिजिटल सुरक्षा को नई दिशा देगा।