विदेशी कंपनी Revolut जल्द भारत में, जानिए क्या-क्या मिलेगा इस नए डिजिटल पेमेंट ऐप में?
डिजिटल पेमेंट्स का बाजार तेजी से बढ़ रहा है और भारत इसमें सबसे आगे है। अब लंदन की प्रमुख फिनटेक कंपनी रेवोल्यूट इस बाजार में कदम रखने जा रही है। बुधवार को कंपनी ने घोषणा की कि वह भारत में अपना पेमेंट प्लेटफॉर्म लॉन्च करेगी। रेवोल्यूट पहले से कई देशों में काम कर रही है, जैसे यूके, अमेरिका और सिंगापुर। भारत में प्रवेश कंपनी की वैश्विक योजना का महत्वपूर्ण भाग है, जो एशिया में उसकी पैठ बढ़ाएगा।
कंपनी का वैश्विक विस्तार
रेवोल्यूट ने पहले ही यूके, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान, सिंगापुर, अमेरिका और ब्राजील जैसे बाजारों में अपनी जड़ें जमा ली हैं। पिछले महीने कंपनी ने अमेरिका में बैंकिंग सेवाएं बढ़ाने और यूके में क्रेडिट कार्ड लाने की योजना का जिक्र किया था। भारत अब कंपनी के लिए एशियाई क्षेत्र में मजबूत आधार बनेगा। यह विस्तार कंपनी की तेज विकास रणनीति को दर्शाता है।
भारत में मिलने वाली सेवाएं
भारतीय यूजर्स को घरेलू और विदेशी दोनों तरह के भुगतान विकल्प उपलब्ध होंगे। कंपनी ने UPI और वीजा के साथ साझेदारी की है। Revolut इंडिया की सीईओ परोमा चटर्जी ने बताया कि भारतीय यूज़र्स को प्रीपेड कार्ड और डिजिटल वॉलेट की सुविधा दी जाएगी। इस साल की शुरुआत में RBI से प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट लाइसेंस मिल चुका है। साथ ही फॉरेक्स सेवाओं का भी अनुमति प्राप्त है। भारत के डेटा नियमों का पालन करने के लिए कंपनी ने अपनी तकनीक को स्थानीय स्तर पर अनुकूलित करने में 40 मिलियन पाउंड (लगभग 537 करोड़ रुपये) लगाए हैं। यह निवेश कंपनी ने केवल भारत के लिए ही किया है।
लॉन्च की योजना और भविष्य
रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, रेवोल्यूट वर्ष के अंत तक भारत में सेवाएं 3.5 लाख वेटलिस्ट यूजर्स को पहले उपलब्ध कराएगी। फिर धीरे-धीरे बाकी ग्राहकों तक पहुंच बढ़ेगी। कंपनी भारत को अपनी विकास योजना का केंद्र मानती है। 2030 तक 2 करोड़ ग्राहक हासिल करने का लक्ष्य है, खासकर युवा और महत्वाकांक्षी वर्ग पर नजर है।
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कंपनी का वैश्विक विस्तार
रेवोल्यूट ने पहले ही यूके, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान, सिंगापुर, अमेरिका और ब्राजील जैसे बाजारों में अपनी जड़ें जमा ली हैं। पिछले महीने कंपनी ने अमेरिका में बैंकिंग सेवाएं बढ़ाने और यूके में क्रेडिट कार्ड लाने की योजना का जिक्र किया था। भारत अब कंपनी के लिए एशियाई क्षेत्र में मजबूत आधार बनेगा। यह विस्तार कंपनी की तेज विकास रणनीति को दर्शाता है।
भारत में मिलने वाली सेवाएं
भारतीय यूजर्स को घरेलू और विदेशी दोनों तरह के भुगतान विकल्प उपलब्ध होंगे। कंपनी ने UPI और वीजा के साथ साझेदारी की है। Revolut इंडिया की सीईओ परोमा चटर्जी ने बताया कि भारतीय यूज़र्स को प्रीपेड कार्ड और डिजिटल वॉलेट की सुविधा दी जाएगी। इस साल की शुरुआत में RBI से प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट लाइसेंस मिल चुका है। साथ ही फॉरेक्स सेवाओं का भी अनुमति प्राप्त है। भारत के डेटा नियमों का पालन करने के लिए कंपनी ने अपनी तकनीक को स्थानीय स्तर पर अनुकूलित करने में 40 मिलियन पाउंड (लगभग 537 करोड़ रुपये) लगाए हैं। यह निवेश कंपनी ने केवल भारत के लिए ही किया है।
लॉन्च की योजना और भविष्य
रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, रेवोल्यूट वर्ष के अंत तक भारत में सेवाएं 3.5 लाख वेटलिस्ट यूजर्स को पहले उपलब्ध कराएगी। फिर धीरे-धीरे बाकी ग्राहकों तक पहुंच बढ़ेगी। कंपनी भारत को अपनी विकास योजना का केंद्र मानती है। 2030 तक 2 करोड़ ग्राहक हासिल करने का लक्ष्य है, खासकर युवा और महत्वाकांक्षी वर्ग पर नजर है।