एक छोटी सी 'हाँ' कैसे पड़ सकती है आपकी जेब पर भारी? वॉइस रिकॉर्डिंग स्कैम की नई चुनौती
भारत की तेजी से बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था में जहाँ एक ओर सुविधाएँ बढ़ी हैं, वहीं दूसरी ओर साइबर अपराधियों ने ठगी के नए और डरावने तरीके ढूंढ लिए हैं। आजकल एक साधारण सा शब्द, जिसे हम बिना सोचे-समझे बोल देते हैं, हमारी वित्तीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ 'यस स्कैम' (Yes Scam) के प्रति आगाह कर रहे हैं, जो हमारी आवाज का इस्तेमाल करके हमें ठगने का काम कर रहा है।
एक साधारण कॉल से शुरू होती है ठगी
यह स्कैम बहुत ही सामान्य दिखने वाली कॉल से शुरू होता है। आपके फोन पर एक अनजान नंबर से कॉल आती है। जैसे ही आप फोन उठाते हैं, दूसरी तरफ से कोई पूछता है: "क्या आप मुझे सुन सकते हैं?" या "क्या आप मिस्टर शर्मा बोल रहे हैं?"।
जवाब में "हाँ" या "जी" कहना हमारी स्वाभाविक आदत है। लेकिन साइबर अपराधियों के लिए आपकी यही 'हाँ' वह चाबी है जिससे वे आपके बंद खातों के दरवाजे खोल सकते हैं। इस स्कैम में अपराधी आपकी सहमति वाले शब्दों को रिकॉर्ड कर लेते हैं और बाद में उनका इस्तेमाल आपकी पहचान बताने या किसी लेनदेन को अधिकृत (Authorize) करने के लिए करते हैं।
आजकल बैंकिंग, टेलीकॉम और कई डिजिटल सेवाओं में वॉइस ऑथेंटिकेशन यानी आवाज के जरिए पहचान की सुविधा बढ़ गई है। कई प्रणालियों में केवल आपकी आवाज और "हाँ" जैसा पुख्ता शब्द ही लेनदेन शुरू करने या खाते की जानकारी बदलने के लिए काफी होता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि स्कैमर्स इन छोटी-छोटी वॉइस क्लिप्स को रिकॉर्ड करते हैं और फिर सॉफ्टवेयर की मदद से उन्हें इस तरह इस्तेमाल करते हैं जैसे आपने खुद किसी ट्रांजेक्शन के लिए सहमति दी हो। सबसे डरावनी बात यह है कि इसमें अपराधी को आपसे कोई OTP या पासवर्ड मांगने की जरूरत ही नहीं पड़ती।
खतरे का पता चलना क्यों है मुश्किल?
अन्य साइबर फ्रॉड में अक्सर तुरंत मैसेज आता है या लॉग-इन नोटिफिकेशन मिलता है, लेकिन वॉइस स्कैम का असर धीरे-धीरे सामने आता है। अपराधी आपकी रिकॉर्ड की गई आवाज का इस्तेमाल करके नए खाते खोल सकते हैं या आपके नाम पर लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
चूँकि एक छोटी सी फोन कॉल और किसी वित्तीय नुकसान के बीच कई दिनों या हफ्तों का अंतर हो सकता है, इसलिए पीड़ित समझ ही नहीं पाते कि उनके साथ धोखाधड़ी कैसे हुई। जब तक बैंक स्टेटमेंट में कोई गड़बड़ी दिखती है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है।
सुरक्षित रहने के लिए क्या करें?
साइबर एक्सपर्ट्स और जांच एजेंसियां कुछ बुनियादी नियमों का पालन करने की सलाह देती हैं:
याद रखें, डिजिटल दुनिया में आपकी आवाज आपकी संपत्ति है। इसे सुरक्षित रखना आपकी जिम्मेदारी है। अगली बार फोन पर 'हाँ' बोलने से पहले थोड़ा ठहरें और सोचें।
एक साधारण कॉल से शुरू होती है ठगी
यह स्कैम बहुत ही सामान्य दिखने वाली कॉल से शुरू होता है। आपके फोन पर एक अनजान नंबर से कॉल आती है। जैसे ही आप फोन उठाते हैं, दूसरी तरफ से कोई पूछता है: "क्या आप मुझे सुन सकते हैं?" या "क्या आप मिस्टर शर्मा बोल रहे हैं?"।जवाब में "हाँ" या "जी" कहना हमारी स्वाभाविक आदत है। लेकिन साइबर अपराधियों के लिए आपकी यही 'हाँ' वह चाबी है जिससे वे आपके बंद खातों के दरवाजे खोल सकते हैं। इस स्कैम में अपराधी आपकी सहमति वाले शब्दों को रिकॉर्ड कर लेते हैं और बाद में उनका इस्तेमाल आपकी पहचान बताने या किसी लेनदेन को अधिकृत (Authorize) करने के लिए करते हैं।
जब आपकी आवाज ही बन जाए आपकी पहचान
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आजकल बैंकिंग, टेलीकॉम और कई डिजिटल सेवाओं में वॉइस ऑथेंटिकेशन यानी आवाज के जरिए पहचान की सुविधा बढ़ गई है। कई प्रणालियों में केवल आपकी आवाज और "हाँ" जैसा पुख्ता शब्द ही लेनदेन शुरू करने या खाते की जानकारी बदलने के लिए काफी होता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि स्कैमर्स इन छोटी-छोटी वॉइस क्लिप्स को रिकॉर्ड करते हैं और फिर सॉफ्टवेयर की मदद से उन्हें इस तरह इस्तेमाल करते हैं जैसे आपने खुद किसी ट्रांजेक्शन के लिए सहमति दी हो। सबसे डरावनी बात यह है कि इसमें अपराधी को आपसे कोई OTP या पासवर्ड मांगने की जरूरत ही नहीं पड़ती।
खतरे का पता चलना क्यों है मुश्किल?
अन्य साइबर फ्रॉड में अक्सर तुरंत मैसेज आता है या लॉग-इन नोटिफिकेशन मिलता है, लेकिन वॉइस स्कैम का असर धीरे-धीरे सामने आता है। अपराधी आपकी रिकॉर्ड की गई आवाज का इस्तेमाल करके नए खाते खोल सकते हैं या आपके नाम पर लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं।चूँकि एक छोटी सी फोन कॉल और किसी वित्तीय नुकसान के बीच कई दिनों या हफ्तों का अंतर हो सकता है, इसलिए पीड़ित समझ ही नहीं पाते कि उनके साथ धोखाधड़ी कैसे हुई। जब तक बैंक स्टेटमेंट में कोई गड़बड़ी दिखती है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है।
सुरक्षित रहने के लिए क्या करें?
साइबर एक्सपर्ट्स और जांच एजेंसियां कुछ बुनियादी नियमों का पालन करने की सलाह देती हैं: - जवाब देने के तरीके को बदलें: अगर किसी अनजान नंबर से कॉल आए और कोई पूछे "क्या आप मुझे सुन सकते हैं?", तो "हाँ" कहने के बजाय पूछें "आप कौन बोल रहे हैं?" या "आपको किससे बात करनी है?"।
- संदेह होने पर कॉल काट दें: यदि कॉल करने वाला व्यक्ति अजीब सवाल पूछ रहा है या बार-बार आपको 'हाँ' बुलवाने की कोशिश कर रहा है, तो तुरंत फोन काट दें।
- वॉइस बायोमेट्रिक्स पर नजर रखें: अपने बैंक और वित्तीय संस्थानों से पता करें कि क्या वे वॉइस ऑथेंटिकेशन का उपयोग करते हैं और यदि संभव हो, तो इसके साथ टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) को भी जोड़ें।
- तुरंत रिपोर्ट करें: यदि आपको लगता है कि आपकी आवाज का गलत इस्तेमाल हो सकता है, तो तुरंत अपने बैंक को सूचित करें और साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराएं।
याद रखें, डिजिटल दुनिया में आपकी आवाज आपकी संपत्ति है। इसे सुरक्षित रखना आपकी जिम्मेदारी है। अगली बार फोन पर 'हाँ' बोलने से पहले थोड़ा ठहरें और सोचें।









