द बंगाल फाइल्स 2025 रिव्यू: इतिहास की अनकही सच्चाई का सिनेमाई अनुभव
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विवेक रंजन अग्निहोत्री की द बंगाल फाइल्स 5 सितंबर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है, जो 1946 के डायरेक्ट एक्शन डे और नोआखली दंगों की भयावह सच्चाई को सामने लाती है। यह फिल्म उनकी 'फाइल्स' त्रयी ( द ताशकंद फाइल्स और द कश्मीर फाइल्स के बाद) का अंतिम अध्याय है, जो भारत के इतिहास के अनकहे और विवादास्पद पन्नों को खोलती है। दर्शन कुमार, अनुपम खेर, पल्लवी जोशी, और मिथुन चक्रवर्ती जैसे सितारों से सजी यह फिल्म अतीत और वर्तमान को सस्पेंस के साथ जोड़ती है। हालांकि, इसकी लंबी अवधि और कुछ कमजोर स्क्रीनप्ले इसे पूर्ण रूप से प्रभावी होने से रोकते हैं। फिर भी, यह दर्शकों को झकझोर देने में कामयाब रही, जैसा कि एक यूजर ने कहा, “द बंगाल फाइल्स सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि आईना है।”
फ़िल्म की कथा दो समानांतर धाराओं में आगे बढ़ती है –
निर्देशक ने दोनों कहानियों को रहस्यपूर्ण ढंग से पिरोकर प्रस्तुत किया है।
एक्टिंग: सितारों की दमदार प्रस्तुति
फिल्म का सबसे मजबूत पक्ष इसकी स्टारकास्ट है। दर्शन कुमार ने शिवा पंडित के किरदार में कच्ची भावनाओं और तीव्रता के साथ शानदार अभिनय किया है। सिमरत कौर ने भारती बनर्जी के रूप में संवेदनशीलता और ताकत का बेहतरीन मिश्रण पेश किया। एकलव्य सूद ने अमरजीत अरोड़ा, एक सिख प्रेमी, के किरदार में गहराई और विश्वसनीयता जोड़ी। शाश्वत चटर्जी ने क्रूर नेता के किरदार को ठंडे और अनोखे अंदाज में निभाया, जो कहानी की गंभीरता को बढ़ाता है। अनुपम खेर ने महात्मा गांधी के किरदार को मानवीय और विचारोत्तेजक ढंग से प्रस्तुत किया, जिसके लिए उन्होंने एक साल तक शराब और मांसाहार से दूरी बनाई। पल्लवी जोशी ने बुजुर्ग भारती बनर्जी के रूप में गहरी भावनात्मक प्रस्तुति दी, जबकि मिथुन चक्रवर्ती ने एक पागल पूर्व पुलिसवाले, ‘द मैडमैन’, के किरदार में डरावना और प्रभावशाली अभिनय किया। नमाशी चक्रवर्ती ने नोआखली के नेता गुलाम सरवर हुसैनी के किरदार में स्वाभाविक और प्रभावी प्रदर्शन किया।
फ़िल्म में पारंपरिक गीत नहीं हैं, परंतु पृष्ठभूमि संगीत अत्यंत प्रभावशाली है। यह न केवल फ़िल्म की निर्ममता और करुणा को बढ़ाता है बल्कि रहस्य और भावनात्मक असर को और गहरा करता है।
देखें या नहीं?
द बंगाल फाइल्स इतिहास के अनकहे और दर्दनाक अध्याय को साहस के साथ सामने लाती है। यह उन लोगों के लिए जरूरी है जो डायरेक्ट एक्शन डे और नोआखली दंगों की सच्चाई को समझना चाहते हैं। अनुपम खेर, दर्शन कुमार, पल्लवी जोशी, और मिथुन चक्रवर्ती की शानदार एक्टिंग फिल्म को भावनात्मक रूप से मजबूत बनाती है। हालांकि, लंबी अवधि और कुछ स्क्रीनप्ले कमियां इसे पूर्ण प्रभाव से रोकती हैं। न्यूज़18 ने इसे 3.5/5 रेटिंग दी, जबकि दैनिक भास्कर ने 3/5 स्टार दिए। एक यूजर ने लिखा, “दर्द से बनी द बंगाल फाइल्स दर्शकों को भावुक कर रही है। सत्य ने अनगिनत आत्माओं को छुआ है। अब तक की सबसे बोल्ड फिल्म।” यदि आप इतिहास और सस्पेंस का मिश्रण पसंद करते हैं, तो यह फिल्म इस वीकेंड देखने लायक है।
कहानी: अतीत और वर्तमान का दर्दनाक संगम
फ़िल्म की कथा दो समानांतर धाराओं में आगे बढ़ती है –
- वर्तमान काल: शिवा पंडित (दर्शन कुमार), एक पुलिस अधिकारी, पश्चिम बंगाल में एक अपहृत लड़की की तलाश में है। इस अपहरण के पीछे एक अल्पसंख्यक समुदाय के नेता (शाश्वत चटर्जी) का हाथ है।
- अतीत: 1946 का डायरेक्ट एक्शन डे और नोआखली दंगे, जहाँ बड़े पैमाने पर हिंसा और नरसंहार हुआ था।
निर्देशक ने दोनों कहानियों को रहस्यपूर्ण ढंग से पिरोकर प्रस्तुत किया है।
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एक्टिंग: सितारों की दमदार प्रस्तुति
फिल्म का सबसे मजबूत पक्ष इसकी स्टारकास्ट है। दर्शन कुमार ने शिवा पंडित के किरदार में कच्ची भावनाओं और तीव्रता के साथ शानदार अभिनय किया है। सिमरत कौर ने भारती बनर्जी के रूप में संवेदनशीलता और ताकत का बेहतरीन मिश्रण पेश किया। एकलव्य सूद ने अमरजीत अरोड़ा, एक सिख प्रेमी, के किरदार में गहराई और विश्वसनीयता जोड़ी। शाश्वत चटर्जी ने क्रूर नेता के किरदार को ठंडे और अनोखे अंदाज में निभाया, जो कहानी की गंभीरता को बढ़ाता है। अनुपम खेर ने महात्मा गांधी के किरदार को मानवीय और विचारोत्तेजक ढंग से प्रस्तुत किया, जिसके लिए उन्होंने एक साल तक शराब और मांसाहार से दूरी बनाई। पल्लवी जोशी ने बुजुर्ग भारती बनर्जी के रूप में गहरी भावनात्मक प्रस्तुति दी, जबकि मिथुन चक्रवर्ती ने एक पागल पूर्व पुलिसवाले, ‘द मैडमैन’, के किरदार में डरावना और प्रभावशाली अभिनय किया। नमाशी चक्रवर्ती ने नोआखली के नेता गुलाम सरवर हुसैनी के किरदार में स्वाभाविक और प्रभावी प्रदर्शन किया।
संगीत और ध्वनि
फ़िल्म में पारंपरिक गीत नहीं हैं, परंतु पृष्ठभूमि संगीत अत्यंत प्रभावशाली है। यह न केवल फ़िल्म की निर्ममता और करुणा को बढ़ाता है बल्कि रहस्य और भावनात्मक असर को और गहरा करता है।
देखें या नहीं?
द बंगाल फाइल्स इतिहास के अनकहे और दर्दनाक अध्याय को साहस के साथ सामने लाती है। यह उन लोगों के लिए जरूरी है जो डायरेक्ट एक्शन डे और नोआखली दंगों की सच्चाई को समझना चाहते हैं। अनुपम खेर, दर्शन कुमार, पल्लवी जोशी, और मिथुन चक्रवर्ती की शानदार एक्टिंग फिल्म को भावनात्मक रूप से मजबूत बनाती है। हालांकि, लंबी अवधि और कुछ स्क्रीनप्ले कमियां इसे पूर्ण प्रभाव से रोकती हैं। न्यूज़18 ने इसे 3.5/5 रेटिंग दी, जबकि दैनिक भास्कर ने 3/5 स्टार दिए। एक यूजर ने लिखा, “दर्द से बनी द बंगाल फाइल्स दर्शकों को भावुक कर रही है। सत्य ने अनगिनत आत्माओं को छुआ है। अब तक की सबसे बोल्ड फिल्म।” यदि आप इतिहास और सस्पेंस का मिश्रण पसंद करते हैं, तो यह फिल्म इस वीकेंड देखने लायक है।