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New NPS Rule: NPS से पैसे निकालने के नियमों में हुआ बदलाव, जानिए क्या है नया

National Pension Scheme : NPS खाता सहीं रूप से चले इसकी जिम्मेदारी पीओपी की ही होती है। पीओपी की नियुक्ति पीएफआरडीए ही करता है। 
 

रिटायरमेंट के बाद पेंशन का सोर्स होना बेहद ही जरुरी है। इस समय पेंशन का लाभ पाने के लिए काफी सारी स्कीम मौजूद हैं। इन स्कीम में एनपीएस भी है। इसमें निवेश की रकम के मैच्योर होने के बाद निवेशक को पेंशन का लाभ भी मिलता हैं।

अगर आप भी एनपीएस में निवेश करते हैं यानि कि आपके पास एनपीएस अकाउंट है तो जानकारी के लिए बता दें आज के एनपीएस खाते पर लगने वाले पीओपी चार्ज स्ट्रक्चर में काफी बदलाव हुआ है।

वहीं पीएफआरडीए जो भी एनपीएस को रेग्युलेट करती हैं। उनको प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस के चार्ज स्ट्रक्चर में बदलाव किया गया है। प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस चार्ज से जुड़े नियमों में काफी बदलाव को लेकर पीएफआरडीए ने सर्कुलर जारी किया गया है।

जानें क्या होता है पीओपी

NPS खाता सहीं रूप से चले इसकी जिम्मेदारी पीओपी की ही होती है। पीओपी की नियुक्ति पीएफआरडीए ही करता है। पीओपी एक प्रकार का नेटवर्क है। इस नेटवर्क के द्वारा ग्राहकों को और एनपीएस आपस में जुड़े होते हैं।

पीओपी अपनी सर्विस को देने के लिए फीस लेता है। पीओपी के चार्ज की कोई सीमा नहीं होती है। बहराल अब इसके चार्ज की मिनिमम और मैक्जिमम लिमिट भी तय की गई है।

पीओपी की दरें

जब भी कोई निवशक पहली बार एनपीएस में रजिस्ट्रेशन करता है तो उसे 200 से 400 रुपये तक का पीओपी देना होगा। इसके बाद निवेशको को 0.50 फीसदी का योगदान देना होगा।

ये चार्ज 30 से 25 हजार रुपये के बीच में ही रहता है। इसके अलावा सभी नॉन फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन पर 30 रुपये का चार्ज लगता है।

NPS स्कीम की डिटेल

NPS स्कीम टैक्स सेविंग स्कीम है इसमें 60 साल की आयु के बाद निवेशक को निवेश की गई रकम का एक भाग मिलता है और दूसरा भाग पेंशन के तौर पर मिलता है।

देश के सभी बैंक में NPS स्कीम का लाभ मिलता है। इस स्कीम में 18 साल से 60 साल के बीच में अप्लीकेशन किया जा सकता है।

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