India China Economy: मुफ्तखोरी, सरकारी कंपनियां... चीन की तरह तरक्की नहीं कर सकता भारत, इस एक्सपर्ट ने गिनाए कारण

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नई दिल्ली: क्या भारत आने वाले समय में चीन को पीछे छोड़ सकता है? शायद नहीं। ऐसा मानना है जाने-माने अर्थशास्त्री और फंड मैनेजर रुचिर शर्मा का। रुचिर शर्मा का मानना है कि भारत कभी भी चीन की तरह डबल डिजिट में विकास नहीं कर पाएगा। उन्होंने इसके पीछे दोनों देशों के बीच के कुछ बुनियादी अंतरों को बताया है। उनका कहना है कि भारत में मुफ्त चीजें देने की संस्कृति यानी फ्रीबीज (Freebies Culture) के चलते ऐसा विकास होना नामुमकिन है।



क्या कहा एक्सपर्ट ने?एक सवाल के जवाब में शर्मा ने कहा कि अगर भारत 10 से 11 फीसदी की दर से विकास करने का लक्ष्य रखता है, तो उसे क्या दिक्कतें आएंगी। उन्होंने कहा, 'भारत कभी भी 10-11% की दर से नहीं बढ़ पाएगा। क्योंकि हमारे पास चीन की तरह सुधार करने की क्षमता नहीं है। चीन में लोगों को मुफ्त चीजें नहीं दी गईं और उनसे कहा गया कि जहां मन करे, वहां जाकर काम करो।'



एक्सपर्ट ने नुकसान में चल रहे सरकारी उद्यमों के बारे में भी अपना राय रखी। चीन की तरक्की को लेकर कहा, 'उन्होंने अपने नुकसान में चल रहे सभी सरकारी उद्यमों को बेच दिया। भारत में ऐसा कहां होने वाला है? चीन में 1990 के दशक में कम से कम 10 करोड़ लोगों को सरकारी उद्यमों से निकाल दिया गया था- उनसे कहा गया कि जाओ। भारत में ऐसा होना मुमकिन नहीं है। तो, भारत में यह कैसे होगा? यह नहीं होगा।'



प्रति व्यक्ति आय में काफी अंतरशर्मा ने आगे कहा कि भारत की प्रति व्यक्ति आय (per capita income) अभी भी 3,000 डॉलर है, जबकि चीन की 10,000 डॉलर से ज्यादा है। उन्होंने एक पॉडकास्ट में कहा, 'अगर अगले 10 सालों में चीन की विकास दर सिर्फ 2-3% रहती है, और हमारी 6-7% रहती है, तो भी हमें चीन से आगे निकलने में कम से कम 20 साल लगेंगे।' इसका मतलब है कि चीन अभी भी आर्थिक रूप से भारत से बहुत आगे है।



कैसे हो सकती है तरक्की?रुचिर शर्मा ने देशों के सफल होने के कुछ नियम भी बताए। उनके अनुसार, सबसे पहला नियम है कि राजनीतिक नेतृत्व संकट के समय में उभर कर आए। उन्होंने कहा, 'किसी भी देश में सबसे ज्यादा सुधार तब होते हैं जब कोई नया राजनीतिक नेता आता है और देश किसी समस्या का सामना कर रहा होता है। क्योंकि उस समय, लोग खुद भी बदलाव चाहते हैं।'



दूसरा नियम है जनसंख्या (demographics)। शर्मा ने कहा कि कोई भी देश जहां जनसंख्या घट रही है, तेजी से विकास नहीं कर सकता है। जनसंख्या उच्च आर्थिक विकास के लिए जरूरी है, लेकिन यह काफी नहीं है।



तीसरा नियम है करेंसी (currency)। शर्मा ने कहा, 'हम यह सोचते हैं कि एक मजबूत करेंसी अच्छी होती है, लेकिन वास्तव में मुद्रा जितनी सस्ती होगी, उतना ही बेहतर होगा- क्योंकि इससे निर्यात बढ़ता है और निवेश आता है। इसलिए मेरे लिए, एक स्थिर और सस्ती करेंसी किसी देश के लिए अच्छा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। एक शक्तिशाली करेंसी केवल नुकसान और नुकसान लाती है।'



अभी लगेगा काफी समयआईएमएफ (IMF) के अनुमानों के अनुसार, FY26 में भारत की विकास दर 6.5% से 7% के बीच रहने का अनुमान है, जबकि चीन की विकास दर लगभग 4.5% तक धीमी होने की उम्मीद है। हालांकि भारत विकास दर में चीन से आगे निकल सकता है, लेकिन प्रति व्यक्ति आय में बड़ा अंतर होने का मतलब है कि बराबरी करने में दशकों लग जाएंगे। इसका मतलब है कि भारत को चीन के बराबर पहुंचने में अभी बहुत समय लगेगा।