लड्डू गोपाल आरती: भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की स्तुति

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लड्डू गोपाल, भगवान कृष्ण का बाल स्वरूप, करोड़ों भक्तों के हृदय में निवास करते हैं। उन्हें सिर्फ एक मूर्ति नहीं, बल्कि परिवार के एक सदस्य के रूप में पूजा जाता है। उनकी सेवा में नहलाना, पहनाना, झुलाना और भोजन कराना शामिल है।


आरती का महत्व


लड्डू गोपाल की नियमित आरती का विशेष महत्व है। यह भगवान के प्रति प्रेम, भक्ति और सम्मान प्रकट करने का एक माध्यम है। आरती करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सभी कष्ट दूर होते हैं।

लड्डू गोपाल जी की आरती


ओम जय गोपाल हरे, प्रभु जय गोपाल हरे दुर्बल दुखी जनों के संकट सदा हरे ओम जय गोपाल हरे...
किरीट मुकुट कटि किंकिन, पग नूपुर साजै चारू चिबुक बिवावर, कल मुरली राजै ओम जय गोपाल हरे ...
वक्ष स्थल बन माला, कौस्तुभ मणि धारी व़ंदा विपिन बिहारी, निज जन सुखकारी ओम जय गोपाल हरे...
अलकावली अति सुंदर, भाल तिल सोहै कुंडल है मकराकृत, सुर मुनि मन मौहे ओम जय गोपाल हरे...
युदुनंदन जग नंदन, कोमल श्यामंगे वारिजवदन शुशोभित, निर्जीत मदनांगे ओम जय गोपाल हरे...
श्रेष् सुहृद सर्वेश्वर, सर्व सृष्टि स्वामी सत पथ परम प्रदर्शक, ईश गरुड गामी। ओम जय गोपाल हरे...
सुख सागर गुण आगर,नटनागर भगवन सरिक जनहरदेश्वर ब्रजपति विष्वासतमन ओम जय गोपाल हरे...
पूर्ण पुरुष पुरषोत्तम, आनंद घन राशी नारायण नित नूतन, अव्यय अविनाशी।। ओम जय गोपाल हरे...
कृष्ण वनाम गुण तेरा , जो जन नित करे। अती अपार भव सागर सहजहि पार तरै। ओम जय गोपाल हरे...
ओम जय गोपाल हरे, प्रभु जय गोपाल हरे दुर्बल दुखी जनों के संकट सदा हरे ओम जय गोपाल हरे, प्रभु जय गोपाल हरे।


आध्यात्मिक लाभ

आरती का पाठ करने से मन को शांति मिलती है और आत्मा को संतोष का अनुभव होता है। यह भक्तों को भगवान के साथ भावनात्मक रूप से जोड़ता है। ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति इस आरती को सच्चे मन से गाता है, उसे जीवन के हर दुख से मुक्ति मिलती है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।


जो भक्त श्रद्धा और प्रेम से लड्डू गोपाल की आरती करता है, उसके जीवन से दुख-दरिद्रता दूर होकर सुख-समृद्धि का आगमन होता है। यह आरती न केवल भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की आराधना है, बल्कि भक्त और भगवान के बीच अटूट प्रेम व विश्वास का प्रतीक भी है।